संभल: मैंथा फैक्ट्री में पानी की टंकी फटने से मलबे में दबकर किसान की मौत

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Published By Priya
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कैला देवी थाना क्षेत्र के सारंगपुर गांव की घटना, परिजनों ने पुलिस को सूचना दिए बिना ही किया अंतिम संस्कार

इसी कोठरी के ऊपर बनी पानी की टंकी फटी।

संभल/सौंधन, अमृत विचार। कैला देवी थाना क्षेत्र के सारंगपुर गांव में मैंथा फैक्ट्री में कोठरी के ऊपर बनी पानी की टंकी अचानक फटने से मैंथा फैक्ट्री मालिक मलबे में दब गया। परिजन उसे किसी तरह मलबे से निकालकर आनन-फानन में डॉक्टर के पास ले गये लेकिन फिर भी उसकी जान नहीं बच सकी। डाक्टर ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने पुलिस को सूचना दिये बिना ही अंतिम संस्कार कर दिया।

सारंगपुर गांव निवासी 45 वर्षीय किसान रामकुंवर की गांव के नजदीक ही खेत पर मैंथा फैक्ट्री है। इसमें किसानों के मैंथा तेल की निकासी का काम चल रहा था। शनिवार की दोपहर करीब एक बजे कोठरी के ऊपर ईंटों से बनाई गई टंकी में पानी खत्म हो गया। रामकुंवर जनरेटर चलाकर टंकी में पानी भरने लगा। धूप से बचने के लिए रामकुंवर टंकी के नीचे कोठरी की दीवार के सहारे बैठ गया।

 पानी भरते ही टंकी अचानक भरभराकर फट गई। उसकी दीवारों का मलबा नीचे गिर गया। दीवार के सहारे बैठा रामकुंवर मलबे में दब गया। पास ही मौजूद रामकुंवर के बेटे ने पिता को मलबे में दबता देख शोर मचा दिया। इस पर फैक्ट्री पर काम कर रहे मजदूर व वहां मौजूद किसानों ने मलबा हटाकर रामकुंवर को बाहर निकाला। इस बीच रामकुंवर बेहोश हो गया। परिजन आनन-फानन में रामकुंवर को संभल के एक निजी डाक्टर के यहां ले गए। डॉक्टर ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया। रामकुंवर की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों ने देर शाम शव का अंतिम संस्कार कर दिया।

खाना छोड़कर पानी भरने में लगा रहा रामकुंवर
सौंधन। मैंथा फैक्ट्री पर दोपहर 12 बजे बेटा सुरेन्द्र पिता रामकुंवर के लिए खाना लेकर आया था। सुरेन्द्र ने पिता से खाना खाने को कहा लेकिन रामकुंवर ने कहा कि टैंक भर जाने दे, बाद खाना खा लूंगा। जेनरेटर चलाकर रामकुंवर टंकी की नीचे दीवार के सहारे बैठकर टैंक भरने का इंतजार कर रहा था। तभी अचानक टंकी फट गई और मलबे में दबकर रामकुंवर की जान चली गई।

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