बाजपुरः चीनी मिल की सह-इकाई को लीज पर देने के विरोध में धरना-प्रदर्शन
बाजपुर, अमृत विचार। सहकारी चीनी मिल बाजपुर की सह इकाई आसवनी को 30 वर्ष के लिए लीज पर दिए जाने के विरोध में स्वर मुखर होते जा रहे हैं। सोमवार को नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने किसान-मजदूरों के साथ ही व्यापारी व जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर चीनी मिल के प्रशासन भवन के गेट पर टेंट लगाकर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान सरकार को दो टूक कहा गया कि यदि सरकार ने निविदा निरस्त करने के आदेश जारी नहीं किए तो संगठित होकर बहुत बड़ा जन आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में चीनी मिल के प्रशासनिक भवन के गेट पर पहुंचे मजदूरों, किसानों, व्यापारियों व जनप्रतिधियों एवं जनता ने टेंट लगा, दरी बिछाकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को संबोधित ज्ञापन प्रेषित कर तत्काल लीज कार्यवाही को निरस्त कर पूर्व की भांति कर्मचारियों से ही आसवानी का संचालन करवाए जाने की मांग की गई। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भाजपा सरकार को किसान, मजदूर विरोधी बताते हुए कहा कि सरकार आमजन, किसान-मजदूरों के विरोध में निर्णय ले रही है।
सबकुछ पूंजीपतियों के हिसाब से हो रहा है, लेकिन हम किसान, मजदूरों का उत्पीड़न किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे। सहकारिता क्षेत्र की प्रथम चीनी मिल बाजपुर को लेकर सरकार की मंशा कहीं से भी ठीक नहीं लग रही है और इसे धीरे-धीरे निजीकरण की ओर धकेला जा रहा है। किसान मजदूरों के खून-पसीने से संचालित हो रही इस इकाई को बचाने के लिए सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ी जाएगी।
पालिकाध्यक्ष गुरजीत सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य आसवनी को बचाने के लिए हर स्तर पर आवाज उठाने का काम कर रहे हैं। हम सब कंधे से कंधा मिलाकर इनके साथ चलेंगे। यह चीनी मिल भारत की सबसे पहली कोऑपरेटिव की मिल है। उन्होंने मिल में ठेकेदारी प्रथा को खत्म करके यहां के स्थानीय बेरोजगारों को काम दिये जाने की मांग की।
कार्यक्रम को किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हरेंद्र सिंह लाडी, विधायक प्रतिनिधि राजकुमार, किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष नवदीप सिंह कंग, श्रमिक नेता वीरेंद्र सिंह, कदीर अहमद ने भी संबोधित किया। संचालन डीके जोशी ने किया। इस मौके पर नैनीताल के पूर्व विधायक संजीव आर्य, कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष हरमीत सिंह बड़ैच, इंदरपाल सिंह उर्फ पिंटू राणा, दलित नेता अनिल वाल्मीकि, हरीश कांडपाल, ओमप्रकाश राठौर, जगबीर सिंह जग्गा, हामिद अली, लीलाधर सैनी, अभिषेक तिवारी आदि मौजूद थे।
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