Haldwani News: खानचंद मार्केट में पहले तल पर बन रहा होटल होगा ध्वस्त, जिला विकास प्राधिकरण ने जारी किये आदेश
हल्द्वानी, अमृत विचार। जिला विकास प्राधिकरण ने खानचंद मार्केट में अवैध ढंग से बनाया जा रहे होटल के ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए हैं। होटल स्वामी को 15 दिनों में खुद ही ध्वस्तीकरण की मोहलत दी है वरना प्राधिकरण की जेसीबी गरजेगी।
जिला विकास प्राधिकरण ने पिछले साल 26 दिसंबर को मोतीमहल रेस्टोरेंट खानचंद मार्केट में पहले तल पर 130x56 वर्ग फिट में अवैध ढंग से बन रहे होटल को सील किया था। साथ ही भवन स्वामी राजकुमार पुत्र स्व. खानचंद्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। भवन स्वामी ने बीती 6 फरवरी को इसका जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि पिता खानचंद्र ने वर्ष 1971 में भूमि क्रय की थी जिसका रकबा करीब 36 बीघा और खसरा संख्या 122 है। वर्ष 1971 में ही नगर पालिका ने भूतल पर निर्माण की अनुमति दी थी उसी आधार परनिर्माण हुआ था। नियत प्राधिकारी विनयमित क्षेत्र ने वर्ष 1990 में प्रथम तल के निर्माण की अनुमति दी थी। फिर वर्ष 1991 में द्वितीय तल के निर्माण की अनुमति दी गई थी।
इसी अनुमति के क्रम में निर्माण किया जा रहा था। उन्होंने यह भी बताया कि बाद में नियत प्राधिकारी ने निर्माण रूकवा कर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस पर उनके पिता ने वर्ष 1993 में डीएम कार्यालय में अपील की जो वर्ष 1999 में निरस्त कर दी गई। अपील निरस्त होने के विरोध में उनके पिता ने सचिव शहरी विकास उत्तर प्रदेश के यहां अपील की। जो वर्ष 2002 में दर्ज रजिस्टर हुई और वर्ष 2002 में सचिव शहरी विकास उत्तराखंड ने वर्ष 2008 में निगरानी स्वीकार की।
सचिव शहरी विकास ने माना कि खानचंद्र संपत्ति के वैध स्वामी हैं। इसके अलावा उन्होंने कई अन्य तथ्य बतौर जवाब पेश किए थे। वर्ष 2004 में सिविल जज अवर खंड ने भी प्रथम तल के निर्माण के ध्वस्तीकरण के आदेश को रोका था। इसके बाद निर्माण को लेकर नोटिस जारी हुआ लेकिन तब पिता गंभीर थे इसलिए जवाब नहीं दे सके। फिर नोटिस के आधार वर्ष 2007-08 में वाद रजिस्टर दर्ज हुआ। तब तक नियत प्राधिकारी से स्वीकृत मानचित्र के आधार पर निर्माण लगभग पूरा कर लिया गया था।
इस वाद में कोई भी आदेश पारित नहीं हुआ। फिर जुलाई 2022 में एक नोटिस जारी हुआ। जिसका जवाब अगस्त 2022 में दिया। वहीं प्राधिकरण का दावा था कि स्वीकृत मानचित्र नहीं था। साथ ही यह भी बताया कि मैथड से पता चला कि निर्माण नवीन है न कि पुराना। वहीं जब नगर निगम से इसकी रिपोर्ट निकाली गई तो पता चला कि नजूल भूमि है।
नजूल भूमि रजिस्टर में 32 बीघा 6 बिस्वा भूमि गार्डन परपज से श्रीकृष्ण भवानी दत्त के नाम से 34 रुपया 15 आना 2 पाई वार्षिक किराये पर दर्ज है। इससे साफ हो गया कि उक्त भूमि उत्तराखंड सरकार की है। वहीं निर्माण कर्ता भूमि के स्वामित्व का वैधानिक दस्तावेज नहीं दिखा सके।
मामले की सुनवाई के बाद जिला विकास प्राधिकरण के सचिव पंकज उपाध्याय ने मोती महल रेस्टोरेंट के पीछे खानचंद मार्केट में प्रथम तल पर बन रहे होटल को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने भवन स्वामी से 15 दिनों में खुद ही अवैध निर्माण ध्वस्त करने को कहा है वरना यह भवन प्राधिकरण की ओर से जबरन ढहा दिया जाएगा। इस बाबत जब निर्माण कर्ता से बात करनी चाही तो उनके बात नहीं हो सकी। उनका पक्ष भी प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।
