बरेली: आटा भी महंगा, रसोई संभालना भारी, कुछ ही दिनों में दो से तीन रुपये किलो बढ़ा फुटकर रेट, दालें पहले से महंगी
बरेली, अमृत विचार : आम लोगों पर रसोई संभालना फिर भारी पड़ने लगा है। दालों के बाद अब आटे पर भी महंगाई की मार पड़ी है। कुछ ही दिनों में आटे का फुटकर रेट दो से तीन रुपये प्रति किलो तक बढ़ गया है। शहामतगंज में आटे के थोक व्यापारी उमाशंकर ऐरन ने बताया कि अब तक गेहूं 22 से 2250 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा था लेकिन अब 25 सौ के ऊपर पहुंच गया है।
इसी का असर आटे पर भी पड़ा है। अब आटा फुटकर में 30 से 31 और थोक में 28 रुपये में बिक रहा है। मई से पहले फुटकर रेट 28 और थोक रेट 26 से 27 रुपये था। आटा व्यापारी शिवशंकर के मुताबिक पिछली बार गेहूं तीन हजार से 32 सौ रुपये क्विंटल तक बिका था।
इस सीजन शुरुआत में 2250 का रेट था, अब 25 से 26 सौ है। आने वाले समय में गेहूं पिछली बार की तरह महंगा होगा। इसी वजह से किसान ने उपज रोक रखी है। इसी कारण गेहूं महंगा हुआ है। सरकारी खरीद न होना भी वजह है। सरकार ध्यान नहीं देगी तो महंगाई और बढ़ने की आशंका है।
महंगाई बेकाबू है। आटे का दाम बढ़ना आम आदमी के लिए बड़ी दिक्कत है। कहने को दो-तीन रुपये ही बढ़े हैं लेकिन इसका बड़ा असर बजट पर पड़ता है। - रिचा अग्रवाल, गृहिणी
दाल के रेट कम नहीं हुए, ऊपर से आटा महंगा कर दिया। रोज इस्तेमाल होने वाली हर चीज महंगी है। सरकार को ध्यान देना चाहिए। राशन के रेट तो नहीं बढ़ने चाहिए। - रितु अग्रवाल, गृहिणी
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