संजीव जीवा हत्याकांड में घायल बच्ची के लिए फरिश्ता बने महेंद्र, गोद में लेकर पैदल भागते हुए पहुंचे अस्पताल
लखनऊ, अमृत विचार। मुख्तार अंसारी का करीबी संजीव माहेश्वरी जीवा की आज लखनऊ कोर्ट में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। संजीव जीवा पर वकील की ड्रेस में आये युवक ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई। जिससे संजीव जीवा की मौत होना बताई जा रही है।
वहीं इस दौरान कोर्ट में मौजूद एक बच्ची जिसकी उम्र महज 18 महीने है, उसे भी गोली लगी है। घायल बच्ची का नाम लक्ष्मी बताया जा रहा है। बच्ची की मां नीलम जब अपने 18 महीने की बच्ची को कोर्ट परिसर के गेट पर लेकर पहुंची। तब बच्ची के शरीर से खून बह रहा था।
बताया जा रहा है कि इसी बीच कोर्ट परिसर में खड़े महेंद्र सिंह नाम के शख्स ने आनन- फानन में बच्ची को अपनी गोद में लिया और बलरामपुर अस्पताल पहुंचाया। जहां पर बच्ची की गंभीर स्थिति को देखते हुये चिकित्सकों ने केजीएमयू के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। जहां पर बच्ची को इलाज चल रहा है।
महेंद्र सिंह की माने तो इतनी बड़ी घटना में घायल बच्ची के इलाज में जो तेजी अस्पताल में दिखाई जानी चाहिए थी। वह नहीं दिखाई पड़ी है। करीब डेढ़ घंटे तो बच्ची को बलरामपुर अस्पताल में इमरजेंसी में ही रखा गया। उसके बाद केजीएमयू के ट्रामा सेंटर रेफर किया गया।
महेंद्र सिंह जिस तरह से बच्ची की जान बचाने के लिए दौड़े। उनके संवेदनशीलता की तारीफ हर तरफ हो रही है। बच्ची से किसी तरह की जान पहचान न होने के बावजूद महेंद्र सिंह ने बच्ची की हालत को देखते हुये उसकी जान बचाने के लिए पहले बलरामपुर और फिर ट्रामा सेंटर ले जाकर बच्ची को भर्ती कराया।
इतना ही नहीं बच्ची को भर्ती कराने से लेकर उसके जांच के लिए पर्चे कटाने तक का काम भी महेंद्र ने बखूबी किया। महेंन्द्र सिंह ने बताया कि बच्ची की हालत और उनके परिवार की स्थिति को देखकर यह महसूस हुआ कि तत्काल यदि बच्ची को अस्पताल नहीं पहुंचाया तो उचित नहीं होगा।
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