बरेली: नगर निगम में पुरानी सोडियम लाइटों की नीलामी में गोलमाल
बरेली, अमृत विचार। नगर निगम के पथ प्रकाश विभाग में गोलमाल करने वालों की जड़ें काफी गहरी हैं। सख्त कार्रवाई न होने के कारण घोटला करने वालों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। इस बार तो शहर की पुरानी सोडियम लाइटों की निविदा में बड़ा खेल किया गया है। इससे नाराज निविदा कमेटी के सदस्य …
बरेली, अमृत विचार। नगर निगम के पथ प्रकाश विभाग में गोलमाल करने वालों की जड़ें काफी गहरी हैं। सख्त कार्रवाई न होने के कारण घोटला करने वालों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। इस बार तो शहर की पुरानी सोडियम लाइटों की निविदा में बड़ा खेल किया गया है। इससे नाराज निविदा कमेटी के सदस्य उपसभापति छंगामल मौर्य ने गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसकी शिकायत मेयर डॉ. उमेश गौतम और नगर आयुक्त अभिषेक आनंद से की है।
कुछ समय पहले लाखों रुपये की सोडियम लाइटों को उतारकर नई एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। इसके बाद 3995 पुरानी सोडियम लाइटों को नीलाम करने की योजना पथ प्रकाश विभाग ने बनाई। इसके लिए 17 अगस्त को निविदा की तिथि निर्धारित की गई। निविदा कराने के लिए मेयर ने दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया। इसमें उपसभापति छंगामल मौर्य और जलकल के जेई तारकेश्वर पाण्डेय को नामित किया गया।
सूत्रों की बातों पर गौर किया जाए तो पुरानी सोडियम लाइटों की बिना नीलामी प्रक्रिया के ठिकाने लगा दिया गया, क्योंकि जब कमेटी के सदस्य मौके पर पहुंचे तो नीलामी हुई नहीं। इसके बाद मनमानी तरीके से विभागीय मिलीभगत से पुरानी लाइटों को चहेते ठेकेदार को बेच दिया गया। यहां तक कि सही तरीके से हिसाब भी अभिलेख में नहीं दर्ज किया गया है।
इसके कारण एक बार फिर से नगर निगम के पथ प्रकाश विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा होता नजर आ रहा है। इससे पहले फैंसी लाइटों और कई जगहों पर मनमाने तरीके से खरीदारी कर लाइटें लगवाने का मामला उजगार हो चुका है। यह तक कि कुछ दिन पहले पथ प्रकाश विभाग में गोलमाल की आशंका पर प्रकाश प्रभारी को मेयर ने हटा दिया था। अब पथ प्रकाश विभाग एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है।
जिस दिन नीलामी होनी थी, उस दिन सुबह आठ बजे से पहले मैं पथ प्रकाश विभाग कार्यालय पहुंच गया था, लेकिन मौके पर कोई भी कर्मचारी नहीं मिला। इससे साफ जाहिर होता है कि पुरानी लाइटों की नीलामी में बड़ा गोलमाल किए जाने की संभावना है। हमने इस कमेटी से इस्तीफा दे दिया है। इसकी शिकायत भी कर दी है। – छंगामल मौर्य, उपसभापति नगर निगम
