बीते वित्त वर्ष में भारत में एफडीआई प्रवाह 22 प्रतिशत घटकर 46 अरब डॉलर पर
नई दिल्ली। भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह बीते वित्त वर्ष 2022-23 में 22 प्रतिशत घटकर 46 अरब डॉलर रहा। मुख्य रूप से कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर और वाहन उद्योग को कम विदेशी निवेश मिलने की वजह से कुल एफडीआई में गिरावट आई है।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। 2021-22 में देश में 58.77 अरब डॉलर का एफडीआई आया था। कुल एफडीआई प्रवाह पिछले वित्त वर्ष में 16 प्रतिशत घटकर 70.97 अरब डॉलर रहा था। 2021-22 में यह 84.83 अरब डॉलर था।
इसमें इक्विटी प्रवाह, पुन: निवेश की गई आय और अन्य पूंजी शामिल है। अप्रैल-मार्च, 2022-23 के दौरान भारत को सबसे ज्यादा 17.2 अरब डॉलर का एफडीआई सिंगापुर से मिला है। इसके बाद मॉरीशस (6.13 अरब डॉलर), अमेरिका (छह अरब डॉलर), संयुक्त अरब अमीरात (3.35 अरब डॉलर), नीदरलैंड (2.5 अरब डॉलर), जापान (1.8 अरब डॉलर), ब्रिटेन (1.73 अरब डॉलर), साइप्रस (1.27 अरब डॉलर), केमैन आइलैंड (77.2 करोड़ डॉलर) और जर्मनी (54.7 करोड़ डॉलर) का स्थान है।
बीते वित्त वर्ष में मॉरीशस, अमेरिका, नीदरलैंड, केमैन आइलैंड और जर्मनी से एफडीआई घटा है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 9.4 अरब डॉलर का एफडीआई आकर्षित किया, लेकिन यह 2021-22 के 14.5 अरब डॉलर से काफी कम है। इसी तरह, वाहन उद्योग में एफडीआई घटकर 1.9 अरब डॉलर रह गया, जबकि 2021-22 में इस क्षेत्र को सात अरब डॉलर का विदेशी निवेश मिला था।
राज्यों की बात की जाए, तो महाराष्ट्र को पिछले वित्त वर्ष में 14.8 अरब डॉलर का एफडीआई मिला, जो 2021-22 के 15.44 अरब डॉलर के आंकड़े से कम है। इसी तरह कर्नाटक को विदेशी निवेश 2022-23 में घटकर 10.42 अरब डॉलर रह गया, जबकि 2021-22 में राज्य को 22 अरब डॉलर का विदेशी निवेश मिला था।
अन्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेश जहां 2022-23 में एफडीआई में गिरावट आई है, उनमें दिल्ली, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। दूसरी ओर, गुजरात में एफडीआई 2022-23 में बढ़कर 4.71 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2021-22 में यह 2.7 अरब डॉलर था। राजस्थान में भी एफडीआई प्रवाह बढ़ा है।
ये भी पढ़ें : कांग्रेस आलाकमान का राजस्थान में विवाद सुलझाने का प्रयास, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिले CM गहलोत