बरेली: सिविल सर्विसेज परीक्षा में बेटियों ने लहराया परचम, जानिए कैसे मिली सफलता
तैयारी के समय तमाम उतार चढ़ाव आते हैं, इसके लिए खुद को तैयार रखें
बरेली, अमृत विचार। देश की प्रतिष्ठित यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा में इस बार बरेली की बेटियों ने परचम लहराया है। स्मृति मिश्रा ने चौथी, प्रेक्षा अग्रवाल ने 30वीं, गरिमा नरूला ने 39वीं और अदिति वार्ष्णेय ने 57 वीं रैंक प्राप्त की है। होनहार बेटियों ने बताया कि कठिन परिश्रम से उन्हें कामयाबी मिली। तैयारी के समय तमाम प्रकार के उतार चढ़ाव आते हैं, इसके लिए खुद को तैयार रखें।
प्रेक्षा ने चार बार नाकामी के बाद भी नहीं मानी हार
अंबिका आवास कॉलोनी निवासी प्रेक्षा अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा चार बार दी, मगर हिम्मत नहीं हारी। इससे पहले परीक्षा में उनकी 303वीं रैंक आई थी। उन्हें डिफेंस अकाउंट सर्विसेज मिली। साक्षात्कार के दौरान भूगोल की समाज में भूमिका समेत तमाम सवाल पूछे गए।
औसतन 7-8 घंटे समय सारिणी के अनुसार विषयवार पढ़ाई की। परीक्षा की तिथि करीब आई तो 12 से 13 घंटे तक पढ़ाई की। इस बार उन्हें 30वीं रैंक मिली है। बताया कि क्लासिकल फिक्शन की किताबें, आत्मकथाएं पढ़ना पसंद है। उनके रोल मॉडल स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती और डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम हैं। तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए उन्होंने बताया कि सबसे पहले यूपीएससी की परीक्षा क्यों आवश्यक है, इसका मूल स्वज्ञान होना आवश्यक है। उन्होंने सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया। प्रेक्षा के पिता पीयूष कांत अग्रवाल बीएसएनएल से सेवानिवृत्त हैं। मां संगीता अग्रवाल एलआईसी में कार्यरत हैं।
गरिमा नरूला ने पहले प्रयास में पाई सफलता
डेलापीर निवासी गरिमा नरूला ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा में 39वीं रैंक प्राप्त की है। वह बचपन से ही मामा मुकेश पसरीचा से प्रभावित रहीं, जो वर्तमान में यूपी में पीसीएस अधिकारी हैं। वही उनकी प्रेरणा स्रोत भी रहे। परिजनों का कहना है कि गरिमा का शुरू से ही सिविल सेवा में जाने का सपना था।
गरिमा ने 12 वीं तक की शिक्षा नगर में भूरा रानी स्थित आरएएन पब्लिक स्कूल से प्राप्त की। उन्होंने 12 वीं में स्कूल टॉप करने के साथ प्रदेश की सूची में नाम दर्ज किया था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से इंग्लिश ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया। गरिमा कहती हैं कि उन्होंने संकल्प के साथ लगातार तीन वर्ष यूपीएससी की सिविल सेवा की परीक्षा के लिए पढ़ाई की। प्रथम प्रयास में ही उन्हें सफलता मिल गई। वह आईएएस बनकर गरीब, अनाथ बच्चों व समाज के पिछड़े और शोषित वर्ग के लिए कार्य करना चाहती हैं। उनके पिता विपिन नरूला और मां शारदा नरूला हैं।
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