बरेली: रास्ते पर आए बाबू तो वेतन जारी, 15 जून तक तैयार करेंगे आय-व्यय का ब्योरा
बरेली, अमृत विचार। साफ्टवेयर के जरिए होने वाली गड़बड़ियों पर रोक लगाने की कोशिशों के आड़े आ रहे नगर निगम के बाबू रास्ते पर आ गए हैं। सभी विभागों में 15 जून आय-व्यय संबंधी ब्योरे का रजिस्टर बनाने के वादे के बाद नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स ने सभी 70 बाबुओं का रोका गया वेतन जारी करने का आदेश दिया है। पिछले महीने रजिस्टर बनाने में आनाकानी पर उनका वेतन रोक दिया गया था।
नगर निगम के सभी विभागों में आय-व्यय संबंधी सारा कामकाज साफ्टवेयर के भरोसे छोड़कर अफसरों और बाबुओं ने हाथ झाड़ लिए थे। इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं तो उसका भी ठीकरा साफ्टवेयर पर फोड़ दिया। कुछ समय पहले प्रमुख सचिव नगर विकास की ओर से नगर निगम के सभी विभागाें को अपने काम का रिकॉर्ड रजिस्टर पर बनाने का निर्देश जारी किया गया, लेकिन नगर निगम के अफसरों और बाबुओं ने इसे अनदेखा कर दिया। पिछले महीने प्रमुख सचिव ने नगर आयुक्त को इस संबंध में रिमांइडर भेजा था।
बार-बार निर्देशों के बावजूद एक भी विभाग में रजिस्टर न बनाए जाने पर नगर आयुक्त ने 70 बाबुओं के वेतन पर रोक लगा दी थी। हाल ही में बाबुओं ने नगर आयुक्त को भरोसा दिलाया कि वे 15 जून तक सभी रजिस्टर तैयार कर लेंगे। इसके बाद नगर आयुक्त उनका वेतन जारी करने का आदेश दिया है। चेतावनी भी दी है कि तय समय में रजिस्टर न बनने फिर वेतन रोकने या निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।
रजिस्टर न होने की वजह से हो रही थीं ये गड़बड़ियां
नगर निगम के टैक्स, इंजीनियरिंग और जलकल विभाग में आय-व्यय का रजिस्टर बनता है। टैक्स विभाग के असेसमेंट रजिस्टर में मोहल्लेवार मकानों की संख्या, उनके निर्मित क्षेत्रफल का ब्योरा होता है जिसके डिमांड रजिस्टर बनाया जाता है। इसमें कंप्यूटर पर ही इस ब्योरे को कम-ज्यादा करने की शिकायतें थीं। इंजीनियरिंग विभाग में वर्क ऑर्डर, जुर्माना रजिस्टर, टूल्स एंड किट, एफडीआर और भुगतान रजिस्टर होता है। बजट रजिस्टर में बोर्ड बैठक में स्वीकृत बजट के साथ यह भी ब्योरा होता है कि किस निधि में कितना पैसा आया और कितना खर्च हुआ। कुटेशन, पंजीकरण रजिस्टर भी नहीं था। जलकल विभाग में एफडीआर रजिस्टर का रखरखाव नहीं किया जा रहा है। यहां स्टोर इंचार्ज ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बना रखा है।
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