Nikay Chunav: Kanpur में अपना ही बूथ हार गए क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल और जिलाध्यक्ष डॉ. बीना आर्या, पढ़ें- पूरी खबर

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Published By Nitesh Mishra
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UP Nikay Chunav 2023 कानपुर में अपना ही बूथ हार गए क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल और जिलाध्यक्ष डॉ. बीना आर्या।

UP Nikay Chunav 2023 कानपुर में अपना ही बूथ हार गए क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल और जिलाध्यक्ष डॉ. बीना आर्या। भाजपा के नौ वर्तमान और पूर्व पदाधिकारी वार्ड 77 बर्रा पूर्वी में रहते हुए भी हार गए। निर्दलीय प्रत्याशी ने बीजेपी को हराया है। क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल और दक्षिण जिलाध्यक्ष डॉ. वीना आर्या अपना बूथ संख्या 1262 में 37 वोटों से हारे है।

कानपुर, [अभिषेक वर्मा]। UP Nikay Chunav 2023 नगरीय निकाय चुनाव के नजीते सामने हैं। भाजपा ने 110 वार्ड  में 63 सीटों के साथ मेयर की प्रतिष्ठित सीट भी अपने नाम की है। इस जीत से पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष समेत जिला के पदाधिकारी उत्साहित हैं। लेकिन, वार्ड 77 बर्रा पूर्वी से चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। यहां रहने वाले कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के अध्यक्ष प्रकाश पाल और दक्षिण जिलाध्यक्ष डॉ. बीना आर्या अपना वार्ड तो हारे ही, इसके साथ 37 वोटों से अपना ही बूथ हार गए। इस वार्ड में बीजेपी के कुल नौ वर्तमान और पदाधिकारियों रहते हैं। बावजूद इसके इस सीट को पार्टी बचा नहीं सकी है।

कानपुर की यह सीट शुरू से ही चर्चा में रही। निकाय का आरक्षण जारी होने के साथ ही यहां टिकट के लिए जंग शुरू हो गई थी। भाजपा से निष्कासित डॉ. अखिलेश कुमार बाजपेई और वार्ड से दो बार के पार्षद जितेंद्र सचान पार्टी से टिकट मांग रहे थे। क्योंकि, सीट अनारक्षित थी, इसलिए लोगों को संभावना थी कि पार्टी के लिए कार्य कर रहे डॉ. अखिलेश कुमार बाजपेई को टिकट मिल जाएगा। लेकिन, जब टिकटों की घोषणा हुई तो टिकट जितेंद्र सचान को मिल गया।

इसके साथ ही वार्ड में पादाधिकारी और कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। अखिलेश ने भाजपा से बगावत कर निर्दलीय पर्चा भर दिया। प्रचार के दौरान और परिणाम वाले दिन लाठी-डंडे तक नौबत आ गई। आरोप यह भी लगे की दक्षिण जिलाध्यक्ष डॉ. बीना आर्या ने करीबी होने के नाते अपनी प्रतिष्ठा लगाकर ओबीसी प्रत्याशी जितेंद्र सचान को टिकट दिलाया है। 

पदाधिकारी ऐसे हारे अपना बूथ

कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के अध्यक्ष प्रकाश पाल (मतदाता पर्ची में रामप्रकाश पाल) और दक्षिण जिलाध्यक्ष डॉ. बीना आर्या का मतदान केंद्र विवेकानंद बालिका इंटर कॉलेज बर्रा 2 था। यहां दोनों पदाधिकारियों को ही 1262 नंबर बूथ पर वोट डालना था। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बूथ पर कुल 1430 मतदाताओं को वोट डालना था। जिसके सापेक्ष 547 वोट बूथ पर पड़े। जिसमें से डॉ. अखिलेश कुमार बाजपेई को 252 वोट और भाजपा के प्रत्याशी जितेंद्र सचान को 215 वोट ही मिले।

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वार्ड से 2012 में कांग्रेस के टिकट से जितेंद्र सचान ने चुनाव लड़ा था और जीत मिली थी। 2017 में यह सीट महिला को गई जिसके चलते जितेंद्र ने अपनी पत्नी को पार्टी का टिकट ने मिलने के बाद निर्दलीय मैदान में खड़ा कर दिया। यह चुनाव भी जितेंद्र के पक्ष में रहा। इसके बाद विधानसभा चुनाव के दौरान जितेंद्र सचान भाजपा में शामिल हो गए। अबकी 2023 में यहां की सीट अनारक्षित हो गई। ओबीसी होने के बाद भी जितेंद्र को टिकट मिला इससे भाजपा के कार्यकर्ता और सामान्य दावेदार नाराज हो गए। यही नाराजगी भाजपा को चुनाव में भारी पड़ गई।  

हमारी ही पार्टी के बागी कार्यकर्ता चुनाव लड़ गए, सामान्य सीट पर ओबीसी प्रत्याशी को हमने उतारा था। इसका विरोध शुरू से रहा। हम हों या जिलाध्यक्ष दोनों ही शहर में प्रत्याशियों को जिताने में दौड़ते रहे वार्ड में समय नहीं दे पाए। हार हुई है वह स्वीकार भी है।- प्रकाश पाल, क्षेत्रीय अध्यक्ष, कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र भाजपा

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