रिश्तों में सुधार के लिए दक्षिण कोरिया और जापान के नेताओं ने की मुलाकात, किम जोंग की बढ़ी टेंशन
सियोल। दक्षिण कोरिया और जापान के नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार के लिए रविवार को मुलाकात की। यह दो महीने से भी कम समय में दोनों देशों के नेताओं के बीच दूसरी मुलाकात है। दक्षिण कोरिया और जापान ऐतिहासिक मसलों पर लंबे समय से जारी गतिरोध को दूर करना चाहते हैं तथा उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम व अन्य क्षेत्रीय चुनौतियों के मद्देनजर आपसी सहयोग को बढ़ावा देना चाहते हैं।
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा दो दिन की यात्रा पर रविवार को दक्षिण कोरिया पहुंचे। इससे पहले, मार्च के मध्य में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने तोक्यो का दौरा किया था। जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं ने बीते 12 साल में पहली बार एक के बाद एक, एक-दूसरे के देशों की यात्रा की है।
PM Kishida: Today, from now, I will visit the Republic of Korea (ROK) and have a summit meeting with President Yoon. In March, President Yoon visited Japan, and we agreed to restart our "shuttle diplomacy." Accordingly, I have decided to visit the ROK. (1/2) pic.twitter.com/EAvpQ8OdSQ
— PM's Office of Japan (@JPN_PMO) May 7, 2023
यून ने बैठक की शुरुआत में कहा, आवाजाही की कटनीति शुरू होने पर 12 साल लग गए, लेकिन हमारी यात्राओं का आदान-प्रदान दो महीने से भी कम वक्त में हो गया। मेरे ख्याल से यह पुष्टि करता है कि हाल ही में नयी शुरूआत करने वाले दक्षिण कोरिया-जापान के रिश्ते तेज़ गति से आगे बढ़ रहे हैं। यून ने कहा कि सियोल और तोक्यो के बीच सहयोग "मौजूदा गंभीर अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक स्थिति और वैश्विक संकट" को देखते हुए आवश्यक है। उन्होंने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी।
हालांकि पहले उन्होंने कहा था कि उत्तर कोरिया के समृद्ध होते परमाणु कार्यक्रम, अमेरिका-चीन के बीच तेज होती रणनीतिक दुश्मनी और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में समस्याओं के चलते जापान के साथ अधिक सहयोग की जरूरत है। किशिदा ने कहा कि वह और यून द्विपक्षीय संबंधों को और विकसित करने के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यून के साथ मार्च में उनकी शिखर बैठक के बाद से वार्ताओं की एक श्रृंखला गतिशील रूप से आगे बढ़ने लगी है। दक्षिण कोरियाई और जापानी अधिकारियों ने कहा कि योल और किशिदा उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम, दक्षिण कोरिया व जापान की आर्थिक सुरक्षा, समग्र संबंधों और अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
दोनों देशों ने बीते कई वर्षों में ऐतिहासिक कारणों से एक-दूसरे के खिलाफ उठाए गए आर्थिक कदमों को हाल के हफ्तों में वापस ले लिया है। गौरतलब है कि 1910 से 1945 तक कोरियाई प्रायद्वीप पर जापान के औपनिवेशिक शासन से उपजे मुद्दों की वजह से सियोल और तोक्यो के बीच रिश्तों में लंबे समय से खटास रही है। यून के साथ शिखर सम्मेलन से पहले किशिदा और उनकी पत्नी यूको किशिदा ने सियोल में राष्ट्रीय कब्रिस्तान का दौरा किया। इस कब्रिस्तान में ज्यादातर वे लोग दफन हैं जिन्होंने कोरियाई जंग के दौरान जान गंवाई थी लेकिन जापान के शासन के दौरान स्वंतत्रता की लड़ाई लड़ने वाले लोग भी यहां दफन हैं। उन्होंने एक स्मारक के सामने मौन श्रद्धांजलि दी।
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