शाबास! बहराइच में कोचिंग से वापस जा रहे छात्र ने घायल दंपती की बचाई जान, Video बनाते रहे राहगीर

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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बहराइच, अमृत विचार। सीतापुर जनपद निवासी एक दंपति बुद्ध पूर्णिमा पर श्रावस्ती बौद्ध विहार दर्शन के लिए गया था। शुक्रवार शाम को दंपती वापस बाइक से अपने घर जा रहे थे। मोगलहा गांव के पास बाइक सवार गाय से टकरा कर सड़क पर गिर गए। दोनों बेहोश सड़क पर पड़े रहे, राहगीर घायल का वीडियो बनाते रहे। तभी कोचिंग से पढ़ कर जा रहे छात्र घायलों को देख रुक गया। उसने एंबुलेंस को फोन कर घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, इसके बाद 24 घंटे तक अपनी सेवाएं दी।

सीतापुर जनपद के सकरन थाना क्षेत्र के ग्राम दिघरिया गांव निवासी दीनबंधु पुत्र जोखेलाल अपनी पत्नी फुदीसा देवी के साथ बाइक से श्रावस्ती में बुद्धि पूर्णिमा पर पूजा अर्चना के साथ टहलने के लिए गए थे। बाइक सवार दंपति चहलारी घाट मार्ग से होते हुए श्रावस्ती गए थे। शुक्रवार शाम को बाइक सवार दंपती श्रावस्ती में बुद्ध पूर्णिमा बनाने के बाद वापस अपने घर के लिए रवाना हुए।

कोतवाली देहात के मुगलाहा गांव के पास बाइक सवार पहुंचे, तभी सामने से गाय आ गई। गाय से बाइक सवार टकरा गया और सभी घायल होकर जमीन पर गिर गए। सिर में चोट अधिक लगने के कारण दंपती बेहोश हो गए। घायल दंपति सड़क पर तड़प रहे थे, लेकिन राहगीर वीडियो बनाने में व्यस्त थे। किसी ने घायल को अस्पताल पहुंचाने की जरूरत नहीं समझी। तभी 6.30 बजे के आसपास कोचिंग से वापस अपने घर आटो से जा रहे छात्र दिलीप कुमार पुत्र राम कीर्ति भास्कर ने घायलों को देखा। इस पर छात्र ने आटो रुकवा दिया।

घायल दंपति के चेहरे पर पानी डालकर दोनों को होश में लाया। फिर 108 एंबुलेंस को फोन कर घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जिला अस्पताल पहुंचने पर परिवार का कोई सदस्य न होने पर छात्र दिलीप पूरी रात घायल दंपती के साथ बैठा रहा। शनिवार को सीतापुर जनपद से घायल दंपति के परिवार के लोग पहुंचे तब छात्र अपने घर के लिए रवाना हुआ। छात्र के इस साहस को अस्पताल का डॉक्टर भी सलाम कर रहे हैं।

सिर्फ छोटा बेटा और है बेटी
जिला अस्पताल में घायल सीतापुर जनपद निवासी ग्रामीणों ने बताया कि उसके एक बेटा और बेटी है दोनों छोटे हैं। जिस पर दिलीप ने उनके 24 घंटे तक देखभाल की। छात्र की वजह से दोनों की जान बच सकी। छात्र दिलीप ने बताया कि वह सरस्वती विद्या मंदिर में इंटर में पढ़ रहा है उसने घटना की सूचना पर अपने माताजी को अवगत करा दिया था। इसके बाद पूरी रात घायलों की देखभाल की।

सभी को करनी चाहिए मदद
सड़क पर यदि कोई घायल पड़ा है तो उसे नजदीकी पुलिस की सहायता से अस्पताल में भर्ती कराएं। जितनी जल्दी इलाज मिलेगी, उतनी जल्दी किसी घायल की जान बचाई जा सकती है। किसी घायल को अस्पताल पहुंचाने पर, उसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाती है ... पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा

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