बागेश्वर: समय से इलाज न मिलने पर 5 साल की छात्रा की मौत
बागेश्वर, अमृत विचार। काफलीगैर तहसील के सिया गांव में उल्टी दस्त का प्रकोप फैला हुआ है। समय पर इलाज न मिलने के कारण पांच वर्षीय मासूम की मौत हो गई। सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची जिसके बाद 7 लोगों को उपचार हेतु जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया है।
जानकारी के अनुसार, सिया गांव में पिछले सप्ताह से उल्टी दस्त का प्रकोप फैला है। ग्राम प्रधान केशव लाल ने बताया कि गत दिनों से गांव में कुछ लोगों को उल्टी की शिकायत हुई, कुछ समय बाद कुछ को दस्त भी होने लगे। प्राथमिक विद्यालय सिया की कक्षा एक की छात्रा पांच वर्षीय निकिता रावत पुत्री हरीश रावत को घर पहुंचते ही उल्टी होने लगी। कुछ देर बाद ही उसने दम तोड़ दिया। ग्राम प्रधान ने इसकी सूचना मुख्य चिकित्साधिकारी को दी।
जिस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ दवाइयां वितरित कीं। साथ ही गंभीर रूप से पीड़ित 7 लोगों को एंबुलेंस से जिला चिकित्सालय पहुंचाया, जहां उनका इलाज चल रहा है। जिला चिकित्सालय के पीआरओ रविंद्र अवस्थी ने बताया कि इंद्रा देवी पत्नी हरीश सिंह समेत राजेंद्र सिंह,भवान सिंह, प्रिया, गीतांजलि, दीना देवी आदि का जिला चिकित्सालय में इलाज चल रहा है। हालांकि सभी की हालत खतरे से बाहर है।
धड़ल्ले से क्लीनिक चला रहे झोलाछाप
बागेश्वर। इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा अभी तक भी ग्रामीण क्षेत्र स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में जागरूक नहीं हैं। बता दें कि कांडा, काफलीगैर, बोहाला, गरूड़ क्षेत्र में कई बंगाली चिकित्सक खुलेआम क्लीनिक चला रहे हैं। इनके द्वारा किसी के नाम पर फार्मेसिस्ट का लाइसेंस लेकर क्लीनिक चलाई जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में कभी कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं समझी। जिससे ग्रामीण अब भी इनके झांसे में आ रहे हैं।
अस्पताल में भर्ती कराए गए सभी मरीजों का इलाज चल रहा है। सभी की हालत खतरे से बाहर है। विभाग हरसंभव सुविधा दे रहा है। प्रारंभिक चरण में यह बात सामने आ रही है कि दूषित भोजन या पानी पीने के कारण यह बीमारी है।
- डॉ. बसंत टम्टा, सीएमएस, बागेश्वर
