पीलीभीत: भाजपा प्रत्याशी जब नहीं जुटा पाई भीड़ तो वनमंत्री के सामने हुई फजीहत, देखें VIDEO
भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित हुआ था कायस्थ समाज का कार्यक्रम
पीलीभीत, अमृत विचार। भारतीय जनता पार्टी की पीलीभीत नगर पालिका अध्यक्ष पद प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित किए गए कायस्थ समाज के कार्यक्रम में फजीहत हो गई। वन मंत्री डा. अरुण कुमार तो प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए पहुंच गए। मगर, उन्हें सुनने के लिए भीड़ ही नहीं जुट सकी। कायस्थ समाज के चंद लोग ही शामिल हुए। उन्हीं को सरकार की उपलब्धियां गिनाकर औपचारिकता निभाई। प्रत्याशी के समर्थन में मतदान की अपील की गई और फिर वन मंत्री चले गए। इतना जरुर कार्यक्रम फ्लॉप होने से जुड़े सवाल पर इतना ही कहा कि भीड़ नहीं आई तो क्या करें...?
पीलीभीत नगर पालिका सीट पर 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। दो बार लगातार चुनाव हार चुकी भाजपा इस सीट पर जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। मगर, इस बार भी उसकी राह आसान नहीं है। डा. आस्था अग्रवाल को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। मगर, उनके बाहरी होने का मुद्दा विपक्ष उठा चुका है। भितरघात और बगावत ने भी मुश्किल बढ़ा दी है।
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— Amrit Vichar (@AmritVichar) May 4, 2023
भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में कायस्थ समाज का एक कार्यक्रम शहर के बरात घर में रखा गया था। इसमें बतौर अतिथि वन मंत्री डा. अरुण कुमार आए। इसे सफल बनाने के लिए कई दिन से तैयारियां चल रही थी। मगर, शाम को जब कार्यक्रम हुआ तो उम्मीद के मुताबिक भीड़ जमा नहीं हो सकी। चंद लोग ही शामिल हुए और उन्हीं के समाने उपलब्धियों को गिनाकर भाजपा को जिताने की अपील कर दी गई। प्रत्याशी पर लगातार बाहरी होने के लग रहे आरोपों को लेकर भी वनमंत्री ने अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा कि भाजपा का प्रत्याशी बाहरी नहीं है। वह पीलीभीत नगर पालिका परिषद क्षेत्र में जन्मा और उसकी शादी जिले के ही बीसलपुर में हुई है। वह किसी भी तरह से बाहरी नहीं है। इसे जाकर नगर पालिका में तस्दीक किया जा सकता है। उदारहण भी दिया कि बच्चा पढ़ाई करने के लिए बाहर भेजा जाता है तो क्या बाहरी कहलाएगा? उसके बाद भीड़ कम होने के सवाल भी वह कही न कहीं फजीहत को बचाने में दिखाई दिए।
उन्होंने कहा कि भीड़ नहीं आई तो हम क्या करें। उधर, विपक्षी भी इस कार्यक्रम पर नजर बनाए हुए थे। ऐसे में जब भीड़ कम रहने की बात वायरल हुई तो विपक्षी यह कहकर घेरते नजर आए कि कायस्थ समाज ने भाजपा प्रत्याशी को नकार दिया। फिलहाल, चुनावी सियासत चरम पर पहुंच गई है। एक दूसरे की बैठकों में जुट रही भीड़ को लेकर भी अब बयानबाजी तेज हो गई है।
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