विज्ञान की कसौटी पर खरा उतरा है सनातन धर्म- कबीर शांति मिशन के स्थापना दिवस पर बोले दिनेश शर्मा

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि सनातन धर्म विज्ञान की कसौटी पर खरा साबित हुआ है। कबीर शांति मिशन के 33वे स्थापना दिवस के मौके पर उन्होंने मंगलवार को कहा कि विज्ञान हर वस्तुए विचार और तत्व का मूल्यांकन करता है और यह जो प्रक्रिया है, उसमें धर्म के अनेक विश्वास और सिद्धान्त खरे नहीं उतरते है जब कि सनातन विज्ञान की कसौटी पर खरा उतरा है।

वेदान्त में उल्लिखित सनातन सत्य की महिमा से अब विज्ञान भी धीरे धीरे सहमत होता नजर आने लगा है। ऋषि मुनियो ने ध्यान और मोक्ष की अवस्था में सबसे पहले ब्रह्माण्ड,ब्रह्म और मोक्ष से पर्दा उठाया था । वेदों में मोक्ष की अवधारणा को प्रतिपादित करके समझाया गया है। उन्होंने कहा कि कबीर ने एक निराकार सर्वोच्च ईश्वर में विश्वास किया और हिन्दुओं तथा मुसलमानों के बीच की खांई को पाटने का प्रयास किया। कबीर ने समाज में फैली कुरीतियों की निंदा की थी।

इसी प्रकार यदि सनातन की तरफ देखा जाय तो जिसे हिन्दू अथवा वैदिक धर्म भी कहा गया है उसमें भी समसामयिक चुनौतियों का सामना करने के लिए समय समय पर बदलाव होते रहे है। राजा मोहन राय,स्वामी दयानन्द सरस्वती, स्वामी विवेकानन्द ने समाज में फैली सती प्रथा, बाल विवाह, छुआछूत जैसी कुरीतियों से असहज महसूस किया और उन्हें बदला भी गया। सनातन इसीलिए आधुनिक है क्योंकि उसमें समय के साथ बदलाव होते रहे हैं।

दिनेश शर्मा ने कहा कि सनातन के कई आयाम होने के कारण उसे कुछ कठिन समझा जाता है पर सच्चाई यह नही है। सनातन के कई आयाम होने का कारण यह है कि यह किसी ऋषि अथवा मनीषी की उपज नही है और सनातन लगातार प्रवाहमान और विकासमान रहा है। कबीर भी अपने विचारों में प्रवाहमान और विकासमान रहे हैं इसलिए उन्हें सच्चे अर्थ में सनातनी कहा जाता है।

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