मुरादाबाद : खूनी संघर्ष में तीन सगे भाइयों समेत चार दोषियों को 10-10 साल की कैद, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

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Published By Bhawna
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मुरादाबाद, अमृत विचार। शहर के असालतपुरा में जमीनी विवाद में हुए खूनी संघर्ष में कोर्ट ने तीन सगे भाइयों समेत चार लोगों को 10-10 साल की सजा सुनाई हैं। कोर्ट ने दोषियों पर जुर्माना भी लगाया हैं।

थाना गलशहीद के असालतपुरा में छह मई 2019 को जमीन पर कब्जे को लेकर हुए विवाद के बाद रईस ने हमलावरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें कहा गया था कि उसके भाई सईद का एक प्लाट असालतपुरा में है, जिस पर मोहल्ले के शाहिद, उसकी पत्नी मेम उर्फ परवीन, उसका छोटा बेटा दानिश उर्फ लाला, नाजिम व साजिद कब्जा करना चाहते थे। जिसके चलते रईस का भतीजा जाफर सईद और जुनैद प्लाट पर गए थे। वहां महिला मेम मौजूद थी। उसने दानिश को बुला लिया। उसके साथ कुनबे का अमन तौसीफ भी आया। इन लोगों ने अचानक हमला कर दिया।

फायरिंग की आवाज से तमाम लोग इकट्ठा हो गए। जिसके बाद हमलावर भाग गए। फायरिंग में रईस का भतीजा जाफर सईद व जुनैद बुरी तरह से घायल हो गए। जाफर को दिल्ली व जुनैद को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस मामले की सुनवाई एडीजे छह रणजीत कुमार की अदालत में चल रही थी। डीसी वर्मा ने अभियोजन साक्ष्य प्रस्तुत किए। बाकी तीन सगे भाई दानिश, साजिद व नाजिम के अलावा परिवार के अमन तौसीफ को अदालत ने रिपोर्ट व गवाहों के साक्ष्य के आधार पर दोषी मानकर 10-10 साल की सजा सुनाई। तौसीफ व साजिद पर 20-20,000 व मुख्य आरोपी दानिश व नाजिम पर 25-25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।

हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट से नाजिम की जमानत अर्जी खारिज
मुरादाबाद। चार साल पहले हुए हमले में गोली लगने से घायल जाफर सईद ने बताया कि असालतपुरा में हमलावरों ने सरेशाम ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। जिसमें आरोपी नाजिम की हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट से भी जमानत अर्जी खारिज हो गई।

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