पीलीभीत: नामांकन होते ही बसपा जिलाध्यक्ष निष्कासित, हरीश को मिली जिम्मेदारी
पीलीभीत, अमृत विचार। तराई में खोई सियासी जमीन की तलाश में जुटी बसपा में नगर निकाय चुनाव के नामांकन के बाद बड़ा एक्शन हुआ। पार्टी विरोधी गतिविधियों पर बसपा के जिलाध्यक्ष देव स्वरूप आर्य पर गाज गिर गई। उन्हे जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया। इसके स्थान पर हरीश गौतम को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।
जनपद की बात करें तो 2012 में हुए विधान सभा चुनाव के बाद से ही बहुजन समाज पार्टी की हालत लगातार बिगड़ रही है। पिछले निकाय चुनाव में जरूर बिलसंडा नगर पंचायत अध्यक्ष सीट बसपा के खाते में गई थी। इससे पहले दो चुनाव में भी अटल सिंह जायसवाल जीते थे। मगर इस बार वह भाजपा में चले गए और टिकट मांगा था। हालांकि उन्हें टिकट नहीं मिला और वह बागी होकर निर्दलीय मैदान में कूद गए है। इसके अलावा पार्टी मजबूत नहीं हो पा रही थी। अब चुनाव में भी कुछ चर्चाएं तेज हुई। जिसके बाद लगातार गाज गिरने की उम्मीद जताई जा रही थी।
नामांकन के अंतिम दिन प्रत्याशियों ने पर्चे भरे और फिर वही हुआ जिसके कयास लगाए जा रहे थे। बसपा हाईकमान सख्त हुआ और जिलाध्यक्ष देव स्वरूप आर्य पर गाज गिरा दी गई। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों पर हटा दिया है। उनके स्थान पर बसपा के पुराने और युवा हरीश गौतम को पीलीभीत का जिलाध्यक्ष बनाया गया है। बरेली मुख्य जोन इंचार्ज लक्ष्मी नारायण सागर ने बताया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों पर उन्हे न सिर्फ पद से हटाया गया बल्कि निष्कासित कर दिया है। उनकी जगह पर हरीश गौतम को जिलाध्यक्ष बनाया है। वह इससे पहले भी जिलाध्यक्ष बनाए गए थे। मगर पार्टी में चल रही फूट को लेकर उनको हटा दिया गया था और देवस्वरूप आ गए थे। चुनावी माहौल के बीच इस एक्शन से उथल पुथल मच गई है।
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