हिमाचल प्रदेश: गरीब विद्यार्थियों को मिलेगा एक प्रतिशत ब्याज पर शिक्षा ऋण

हिमाचल प्रदेश: गरीब विद्यार्थियों को मिलेगा एक प्रतिशत ब्याज पर शिक्षा ऋण

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार संसाधनों की कमी के कारण उच्च और व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण करने में असमर्थ पात्र विद्यार्थियों को ‘मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना’ के तहत एक प्रतिशत ब्याज दर पर शिक्षा ऋण मुहैया कराएगी।

ये भी पढ़ें - आंध्र प्रदेश ने दो महीने के लिए समुद्र में मछली पकड़ने पर लगाई रोक 

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को यहां कहा कि राज्य सरकार ने इस योजना के तहत 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है जिसके अंतर्गत तीन लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को वित्त वर्ष 2023-24 में एक प्रतिशत की ब्याज दर पर वित्तीय संस्थानों या बैंकों के माध्यम से शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।

राज्य सरकार द्वारा गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत सहभागी वित्तीय संस्थानों और बैंकों से विद्यार्थी यह ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इससे उन्हें ट्यूशन फीस, आवास, किताबें एवं शिक्षा से जुड़े अन्य सम्बद्ध खर्च वहन करने में सहायता मिलेगी।ॉ

इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन, पीएचडी, आईटीआई के पाठ्यक्रम, पॉलिटेक्निक, बी-फार्मेसी, नर्सिंग, जनरल नर्सिंग और मिडवाइफरी (जीएनएम) सहित कई व्यवसायिक पाठ्यक्रम इस योजना में शामिल होंगे। योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वित्तीय संसाधनों के अभाव में राज्य में कोई भी गरीब बच्चा उच्च और व्यवसायिक शिक्षा से वंचित न रहे।

एक प्रतिशत ब्याज दर विद्यार्थियों में जिम्मेदारी की भावना पैदा करना है ताकि वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित हों। राज्य सरकार का संकल्प है कि धन की कमी के कारण कोई भी विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि योजना को अंतिम रूप देने के लिए शिक्षा विभाग प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी संस्थानों में 18 वर्ष की आयु से अधिक की 20 हजार मेधावी छात्राओं को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार उन्हें इलेक्ट्रिक स्कूटी की खरीद पर 25 हजार रुपए का उपदान प्रदान करेगी। इससे छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त करने को प्रोत्साहित होंगी, वहीं ई-स्कूटी का उपयोग हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने में भी सहायक होगा।

ये भी पढ़ें - अडाणी समूह ने बताया 20,000 करोड़ रुपये का ‘स्रोत’