हल्द्वानी: एनसीईआरटी के बजाय मंगा रहे थे निजी पब्लिकेशन की किताबें अब 13 निजी स्कूल को मिलेगा नोटिस
हल्द्वानी, अमृत विचार। एनसीईआरटी और निजी पब्लिकेशन की किताबों के नाम पर चल रही मनमानी के खिलाफ आज जिले का शिक्षा विभाग जाग गया है। टीम ने जिले के 49 स्कूलों का निरीक्षण किया।
इसमें हल्द्वानी के 24 स्कूल शामिल रहे। निरीक्षण के दौरान हल्द्वानी के 13, रामनगर के 4, नैनीताल के 2 और कोटाबाग के 1 स्कूल में किताबों के नाम मनमानी सामने आई है। विभाग ने इन स्कूलों को नोटिस भेजने का निर्णय लिया है। नोटिस के बाद भी नहीं माने तो चिह्नित स्कूलों के खिलाफ सीबीएसई की एनओसी रद करने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
शिक्षण सत्र 2023-24 की शुरुआत हो चुकी है। नई कक्षाओं में प्रवेश के बाद विद्यार्थियों से किताबें मंगाई जा रही हैं। नियम के अनुसार सरकारी और निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाय जाना है। मगर निजी स्कूल बच्चों से प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबें मंगा रहे हैं। इससे स्कूल और पब्लिकेशन को फायदा पहुंच रहा है, लेकिन अभिभावकों को चूना लग रहा है।
सीईओ केएस रावत ने बताया कि निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर प्राप्त हो रही शिकायतों के बाद शनिवार को जिले में 13 टीम ने स्कूलों का निरीक्षण किया गया। एनसीईआरटी और निजी पब्लिकेशन की किताबों को लेकर जांच की गई।जिले में 49 स्कूलों का निरीक्षण किया। इस दौरान 20 स्कूल ऐसे पाए गए, जो पाठ्यक्रम में ज्यादातर निजी पब्लिकेशन की किताबें मंगा रहे थे। विभाग ने इन स्कूलों को चिह्नित कर लिया है। जल्द ही इन स्कूलों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
नर्सरी की किताबें 8 से दस हजार में
निजी स्कूलों में महंगी होती पढ़ाई के कारण अब अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में दाखिला दिलाना सबकी बस की बात नहीं है। नर्सरी में प्रवेश के दौरान ही करीब 20 से 30 हजार रुपये का खर्च आ रहा है। इसके बाद महंगी किताबें जेब ढीली कर रही हैं। शहर में इन दिनों किताबों की दुकानों पर भीड़ है। इन दुकानों में नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी में स्कूल के हिसाब से किताबों का सैट तैयार है।
पुस्तक विक्रेता ने बताया कि नर्सरी का किट हर स्कूल का अलग-अलग है। स्कूल को नाम बताते हुए उसने बताया कि नर्सरी की किताबों का स्टेशनरी समेत पूरा किट 8 से 10 हजार का है। एलकेजी, यूकेजी की किताबें भी 10 से 15 हजार रुपये में मिल रही हैं।
