खटीमा: लोहियाहेड पावर हाउस में बिजली उत्पादन धड़ाम

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Published By Bhupesh Kanaujia
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खटीमा, अमृत विचार। उच्च हिमालयी क्षेत्र में ठंड के चलते शारदा नदी का जल स्तर न्यूनतम मात्र 4,425 क्यूसेक दर्ज हो रहा है। इससे शुक्रवार को लोहियाहेड पावर हाउस को 10,500 क्यूसेक  क्षमता पर मात्र 4,055 क्यूसेक पानी मिलने से एक ही टरबाइन के चक्के घूम पाए। जबकि दो चक्के जाम रहे। पावर हाउस के डीजेएम महकार सिंह ने बताया कि मात्र 14 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। अप्रैल के अंत तक गर्मी बढ़ने पर बर्फ पिघलने या बरसात का क्रम चलने पर ही जल स्तर में बढ़ोत्तरी दर्ज होगी।
 

 बता दें कि सर्दी के मौसम में उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी, कड़ाके की ठंड से हिमालयी नदियों का जल स्तर गिर जाता है। इससे शारदा नदी के जल स्तर में गिरावट का असर लोहियाहेड पावर हाउस पर भी पड़ता है। पावर हाउस में तीन टरबाइनों को पूर्ण क्षमता से चलाने के लिए 10,500 क्यूसेक पानी चाहिए, जिससे 44 मेगावाट तक बिजली उत्पादन होता है। लेकिन ठंड के मौसम में मात्र एक या दो टरबाइनों के लिए पानी मिलने से बिजली उत्पादन में गिरावट रही।

इधर, ताजा मामले में पावर हाउस के डीजेएम सिंह ने बताया कि शुक्रवार की सुबह आठ बजे शारदा बैराज पर नदी का जल स्तर मात्र 4,425 क्यूसेक दर्ज हुआ। इस पर मात्र 4,055 क्यूसेक पानी मिलने से तीन पर मात्र एक नबंर की टरबाइन से 14 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। जबकि दो टरबाइनों को बंद करना पड़ा। यह भी बताया कि टरबाइन संख्या एक व दो की मेंटीनेंस भी विभाग की ओर से करा दी गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अप्रैल के अंत से जल स्तर में बढ़ने पर बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। इधर, बताया गया कि वर्तमान में क्षेत्र की बिजली की अधिक निर्भरता ग्रिड पर है। 

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