सलमान खुर्शीद ने कहा- हमें विश्वास है कि कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से हम बहुत जल्द राहुल गांधी को देखेंगे संसद में
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा की सदस्यता से राहुल गांधी की अयोग्यता की स्थिति में विपक्षी एकता ने ‘एक इमारत खड़ी करने’ के लिए उपजाऊ जमीन मुहैया कराई है और अगर यह अधिक टिकाऊ सहयोग की शुरुआत है तो इसके लिए कीमत अदा की जा सकती है। खुर्शीद ने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास है कि राहुल गांधी कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से बहुत जल्द संसद में वापस आएंगे।
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पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के अयोग्य करार दिये जाने से संबंधित कानून में बदलाव अवश्यंभावी हैं क्योंकि राजनीतिक प्रणाली की सफाई करने के लिए उठाये जाने वाले कदमों के पीछे कुछ छिपे हुए आयाम हैं और राहुल गांधी का मामला इसका ही एक उदाहरण लगता है।
खुर्शीद ने कहा कि बोलने की आजादी की किस सीमा तक अनुमति होनी चाहिए और संसद के बाहर तथा अंदर जन प्रतिनिधियों को कितना लचीला होना चाहिए, इस सवाल पर अब विचार की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी के अयोग्य करार दिये जाने का एक भावनात्मक पहलू है जो चार दशक से अधिक समय पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लोकसभा से अयोग्य करार दिये जाने के काफी हद तक समान है और इस पर जनता की प्रतिक्रियाएं आएंगी।
कांग्रेस की संचालन समिति के सदस्य खुर्शीद ने कहा, ‘‘लेकिन यह हमें इस लड़ाई को दिन-रात लड़ने के इस कठिन कार्य से रोकने वाला नहीं है, जब तक कि हम अंततः केंद्र में भाजपा और उसकी सरकार को गिराने में सक्षम नहीं हो जाते।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी के और उनकी दादी के संसद सदस्यता से अयोग्य करार दिये जाने में काफी कुछ समानताएं हैं, लेकिन तब से अब में काफी कुछ बदल गया है और जमीनी हकीकतों की अनदेखी नहीं की जा सकती, जबकि कई दल अनेक राज्यों में खुद को स्थापित कर रहे हैं।
राहुल गांधी के अयोग्य करार दिये जाने के बाद विपक्षी दलों के एकजुट होने और कांग्रेस से सामान्य तौर पर दूरी रखने वाले तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी एवं भारत राष्ट्र समिति जैसे दलों के उसके समर्थन में आने के बारे में पूछे जाने पर खुर्शीद ने कहा, ‘‘यह बहुत उत्साहजनक है और हमें इस मुद्दे पर उनके सहयोग के लिए आभार प्रकट करने में कोई हिचक नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह हम सभी के लिए दलीय भावना से हटकर एक मुद्दा है और इसलिए वे हमारे साथ एकजुट हुए हैं। मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छी बात है। हम देश में जो एकता लाने की कोशिश कर रहे हैं, उसके लिए यह बहुत अच्छा है लेकिन इसका विस्तार करना होगा।’’ खुर्शीद ने कहा, ‘‘यह कभी-कभार वाला नहीं होना चाहिए। इसका अधिक टिकाऊ और गहरा होना जरूरी है। अगर यह इसी दिशा में शुरुआत है तो इसके लिए कीमत चुकानी पड़े तो कोई हर्ज नहीं।’
उन्होंने कहा कि यह आने वाले समय में एक इमारत तैयार करने के लिए उपजाऊ जमीन तैयार होने के समान है जिसमें सभी स्वेच्छा से सहभागी हों और किसी को ऐसा नहीं लगे कि इस तरह के किसी घटनाक्रम पर एकाधिकार का प्रयास किया जा रहा है। खुर्शीद के बयान ऐसे समय में आये हैं जब विपक्षी एकजुटता को लेकर एक बार फिर से आवाज उठने लगी है। कम से कम 18 विपक्षी दलों के नेताओं ने सोमवार को यहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठक में भाग लिया और आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार लोकतंत्र को बर्बाद कर रही है।
उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखने का भी फैसला किया सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दोषी ठहराते हुए दो साल कारावास की सजा सुनाई थी। सजा सुनाये जाने के मद्देनजर उन्हें शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दे दिया गया। इसके बाद विपक्षी दलों की एकजुटता नजर आने लगी है।
जब खुर्शीद से पूछा गया कि क्या राहुल की इस कार्यकाल में लोकसभा में वापसी हो सकती है, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है और विश्वास है कि हम उन्हें कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से बहुत जल्द संसद में वापसी करते देखेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कानूनी प्रक्रिया में कुछ दिन लगेंगे। मैं यह नहीं बता सकता कि हम किस रफ्तार में इसे कर पाएंगे। हमारी एक टीम इस पर काम कर रही है। उम्मीद है कि बहुत समय नहीं लगेगा और हम अवरोधों से पार पा लेंगे।’’
कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के गिरफ्तार होने के मामले की तुलना में राहुल गांधी के मामले में न्यायिक राहत पाने के लिए कांग्रेस की ओर से देर होने के भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता खुर्शीद ने कहा कि खेड़ा का मामला अपील का नहीं था और यदि भाजपा अपील दाखिल करने और गिरफ्तारी से रोक का आदेश पाने के बीच अंतर नहीं समझ सकती तो उन्हें काफी कुछ सीखने की जरूरत है।
राहुल गांधी पर आरोपों को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए खुर्शीद ने कहा कि भाजपा और उसके समर्थकों के मन में कुछ होगा जो उन्हें राहुल गांधी से मिल रही चुनौती से परेशान कर रहा होगा। अगले साल के आम चुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि देश के शीर्ष नेताओं को साथ बैठकर बात करनी होगी और ऐसा रास्ता खोजना होगा जो मौजूदा सरकार के खिलाफ मिलकर गठबंधन बनाने की दिशा में हो।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का मिस्टर (नरेंद्र) मोदी और उनके वैश्विक नजरिये से बहुत कुछ लेनादेना है। लेकिन मुझे लगता है कि हमें व्यवस्था की ओर देखना चाहिए जिसका हमें विरोध करना है, ना कि किसी व्यक्ति का।’’
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