प्रदेश में अब और उच्च और आधुनिक तकनीक के लगाए जाएंगे मीटर
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में अब और उच्च और आधुनिक तकनीक के मीटर लगाए जाएंगे। इसके साथ ही स्मार्ट मीटर तकनीकी में कोई छेड़छाड़ नहीं हो सके, इसकी मानिटरिंग की भी व्यवस्था की जाए। यह आदेश सोमवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन को दिए। ऊर्जा मंत्री ने चेयरमैन को …
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में अब और उच्च और आधुनिक तकनीक के मीटर लगाए जाएंगे। इसके साथ ही स्मार्ट मीटर तकनीकी में कोई छेड़छाड़ नहीं हो सके, इसकी मानिटरिंग की भी व्यवस्था की जाए। यह आदेश सोमवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन को दिए। ऊर्जा मंत्री ने चेयरमैन को यह भी निर्देश दिए हैं कि एक एक्सपर्ट कमेटी गठित कर यह पता कराएं कि बहुत से स्मार्ट मीटर की आपूर्ति जो 16 अगस्त तक बाधित थी और सिस्टम के संज्ञान में नहीं है, वह मीटर किस तकनीकी के हैं।
सोमवार को विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से शक्ति भवन में मुलाकात कर स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट में आ रही खामियों पर चर्चा की। पुरानी तकनीकी के मीटरों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्हें यह भी बताया कि हजारों स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की बिजली 16 अगस्त तक बंद रही।
इसके उलट एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि. (ईईएसएल) के निदेशक ने 12 अगस्त को ही ट्वीट कर कह दिया था कि स्मार्ट मीटर के सभी उपभोक्ताओं की बिजली चालू कर दी गई है। परिषद के प्रस्ताव पर ऊर्जा मंत्री ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन को लिखित निर्देश दिए कि भविष्य में प्रदेश में सिर्फ उच्च व अत्याधुनिक तकनीकी के स्मार्ट मीटर ही लगाए जाएं।
उपभोक्ता परिषद ने प्रस्ताव में पूरे प्रदेश में फोर-जी तकनीकी अथवा उसके समकक्ष तकनीकी एनबीआईवोटी (नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स) पर आधारित स्मार्ट मीटर लगाने का सुझाव दिया है। इस निर्देश के लागू होने पर भविष्य में टू-जी और थ्री-जी स्मार्ट मीटर प्रचलन से बाहर हो जाएंगे।
वहीं यूपीपीसीएल के निदेशक (वाणिज्य) ने नियामक आयोग के सचिव को स्मार्ट मीटर डिस्कनेक्शन मामले में पत्र लिखा है। सूत्र बताते हैं कि आयोग द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देने के लिए और समय मांगा गया है। लिखा है कि सरकार इस मामले की जांच एसटीएफ से करा रही है। एसटीएफ की जांच रिपोर्ट और विभागीय जांच आने के साथ ही आयोग में दाखिल कर दिया जाएगा।
