Chaitra Navratri 2023 : मनोकामना मंदिर में माथा टेकने से भर जाती है भक्तों की झोली, जानें इतिहास
पुजारी हरि दत्ता बताते हैं कि श्री मनोकामना मंदिर 100 साल से भी अधिक पुराना है
मुरादाबाद, अमृत विचार। श्री मनोकामना मंदिर से भक्तों का अगाध प्रेम है। इस दरबार में माथा टेकने से भक्तों की झोली खुशियों से भर जाती है। इसकी प्रसिद्धि सिर्फ मुरादाबाद में ही नहीं, दिल्ली से लेकर लखनऊ तक है। मंदिर में भक्त माथा टेकते हैं और अपनी पीड़ा को माता जी सामने कहते हैं। इस मंदिर में विराजमान संकट मोचन हनुमान भक्तों की हर समस्या का समाधान कर आगे का मार्ग दिखाते हैं।
पुजारी हरि दत्ता बताते हैं कि श्री मनोकामना मंदिर 100 साल से भी अधिक पुराना है। आध्यात्म से जुड़े लोग यहां खुद-ब-खुद खिंचे चले आते हैं। मंदिर में 35 कोटि देवी-देवता विराजमान हैं। पुजारी बताते हैं कि 100 साल से अधिक पुराने इस मंदिर में सबसे पहले शिला पिंडी होती रहती थी। बरगद, पीपल के पेड़ थे। उस वक्त यहां पर संत रहते थे। वही पूजा पाठ करते थे, लेकिन बाद में मंदिर समिति का गठन हुआ। इसके बाद कई मूर्तियों की स्थापना हुई। उसमें हनुमान, दुर्गा, गणेश, शनि देव, शनि शिला, शनि पिंडी, विष्णु जी, राम दरबार, शिव परिवार, काली माता, वृहस्पतिदेव, संतोषी माता, शंकर समेत कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां विराजमान हैं। सभी प्राण प्रतिष्ठित मूर्तियां हैं।
खास बात यह है कि बरगद, पीपल को लगाया नहीं गया, बल्कि अपने आप उगकर विशालकाय रूप ले चुके हैं। इस मंदिर में प्रवेश के लिए चार दरवाजे हैं। नवरात्र के दिनों में सुबह 9 से 11 बजे तक कलश स्थापना, दोपहर में 12:30 बजे से तीन बजे तक भंडारा और शाम 5 से 7 बजे तक महिला संगीत के कार्यक्रम होते हैं। मनोकामना पूरी होने के बाद भक्त आते हैं। गांठ खोलते हैं। एक भक्त ने मनोकामना पूरी होने पर डेढ़ क्विंटल का घंटा मंदिर में भेंट किया था।
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