रुद्रपुरः टेंडर को लेकर नगर निगम की बोर्ड बैठक में हंगामा
रुद्रपुर, अमृत विचार। नगर निगम की बोर्ड बैठक में कांग्रेस पार्षदों ने मेयर पर पूल में 45 टेंडर कराने को लेकर जोरदार हंगामा काटा और धरना देकर प्रदर्शन किया। वहीं, भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस पार्षदों को विकास विरोधी बताने हुए हंगामा काटा और प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस पार्षदों ने टेंडर निरस्त करने की मांग की तो तो भाजपा पार्षदों ने विकास विरोधियों को बैठक से बाहर जाने के नारे लगाये।
रविवार को सुबह 11 बजे नगर निगम सभागार में बोर्ड बैठक प्रस्तावित थी। लेकिन, अतिक्रमण में उजाड़े गए लोगों के विरोध और जुलूस के कारण बैठक एक घंटा तीन मिनट यानी 12.03 बजे शुरू हुई। इस बीच मेयर रामपाल सिंह ने बैठक शुरू की। इसके बाद मुख्य नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने प्रस्तावों को बैठक में रखना शुरू किया।
मुख्य नगर आयुक्त ने 16 प्रस्ताव रखे ही थे कि कांग्रेसी पार्षद मोहन खेड़ा, मोनू निषाद, सुरेश गौरी, अमित मिश्रा, सुशील मंडल, मोहन कुमार और प्रीति साना ने पूल में हुए टेंडरों को लेकर हंगामा काटना शुरू कर दिया और धरने पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे।
मेयर ने प्रस्तावों की कार्रवाई पूर्ण होने के बाद टेंडर के मुद्दे पर चर्चा करने का अनुरोध किया, लेकिन कांग्रेसी पार्षद अपनी जिद पर अड़े रहे। काफी समझाने के बाद वे नहीं माने तो भाजपा के पार्षद प्रमोद शर्मा, सुशील चौहान, आयुष तनेजा, निमित शर्मा, बबलू सागर, विधान राय, रंजीत सागर, सुनिल कुमार ने कांग्रेसी पार्षदों को विकास विरोधी बताते हुए नारेबाजी शुरू कर दी।
साथ ही मुख्य नगर आयुक्त से बैठक की कार्रवाई जारी रखने का अनुरोध किया। इसके बाद मुख्य नगर आयुक्त ने सभी प्रस्तावों को बैठक में रखा। प्रस्ताव पूरे होने के बाद 1.22 बजे बैठक को समाप्ति की घोषणा कर दी।
बोर्ड बैठक की समाप्ति की घोषणा के बाद मेयर रामपाल सिंह ने कहा कि कांग्रेसी पार्षद टेंडरों के पूल होने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन न तो उनके पास यह फाइल आई है और न ही मुख्य नगर आयुक्त विशाल मिश्रा के पास यह फाइल आयी है। उन्होंने कहा कि अगर टेंडर पूल हुए हैं तो वे निरस्त होंगे। वहीं, उन्होंने पूर्व पालिकाध्यक्ष मीना शर्मा के कार्यकाल में टेंडर पूल होने का आरोप लगाया है।
रविवार को बैठक के मेयर ने पत्रकार वार्ता बुलाई और टेंडर को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी पार्षद आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने अपने चहेतों को कम रेट पर टेंडर देकर पूल किए हैं। जबकि हकीकत में इसकी फाइल न तो उनके पास आयी है और न ही मुख्य नगर आयुक्त के पास।
उन्होंने कहा कि अब तक उनके कार्यकाल में छह टेंडर पूल हुए थे जो पहले ही निरस्त किए जा चुके हैं। जो कांग्रेसी आज टेंडर पूल होने की बात कहकर हंगामा काट रहे हैं। दरअसल, उन लोगों को कमीशन नहीं मिल पा रहा है। इस कारण वे शांतिपूर्ण तरीके से चल रही बोर्ड बैठक में हंगामा काट रहे हैं।
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