गोंडा: नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन व लोकतंत्र सेनानी कमरुद्दीन का निधन, जिले में शोक की लहर
ब्रेन हैमरेज के चलते पिछले कई दिनों शहर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था इलाज
अमृत विचार, गोंडा। गोंडा नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन और लोकतंत्र सेनानी रहे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता कमरुद्दीन उर्फ कमर का रविवार की सुबह निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे। कुछ महीनों से वह बीमार चल रहे थे। पिछले दिनों उन्हे ब्रेन हैमरेज हुआ था और शहर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। शुक्रवार को उनके ब्रेन ने काम करना बंद कर दिया था। रविवार की भोर में उनकी बेटी व नगर पालिका परिषद की निर्वतमान चेयरमैन उज्मा राशिद ने अपने फेसबुक एकाउंट पर पोस्ट साझा कर पूर्व चेयरमैन के निधन की सूचना दी तो जिले में शोक की लहर दौड़ गई। भाजपा जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप उर्फ बमबम व सपा नेता सूरज सिंह अन्य कई राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों व समाजसेवियों ने उनके आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। पूर्व चेयरमैन के आवास पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद है। पूर्व चेयरमैन की सिर्फ एक बेटी उज्मा राशिद हैं जो अस समय नगर पालिका परिषद की निर्वातमान चेयरमैन हैं। उज्मा राशिद ने बताया कि दोपहर बाद पूर्व चेयरमैन को सुपुर्द ए खाक किया जायेगा।
आपातकाल में 18 महीने तक जेल में रहे थे पूर्व चेयरमैन कमरुद्दीन
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे कमरुद्दीन जिले में काफी लोकप्रिय थे। राजनीति में अल्पसंख्यक समुदाय का वह बड़ा चेहरा माने जाते थे। सरल स्वभाव के धनी कमरुद्दीन से हर कोई आसानी से मिलकर अपनी बात कह सकता था। उनकी छवि आम लोगों की लड़ाई लड़ने वाले एक जननेता के रूप में थी। कमरुद्दीन को सपा के कद्दावर नेता व जिले के पूर्व मंत्री रहे स्व विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह का करीबी माना जाता था। एक समय स्व पंडित सिंह ,कमरुद्दीन व पूर्व ब्लाक प्रमुख रहे स्व साबिर अली की जोड़ी काफी लोकप्रिय थी। वर्ष 1977 में आपातकाल के दौरान उन्होने 18 महीने तक जेल की सजा काटी थी। इसलिए कमरुद्दीन को लोकतंत्र सेनानी का दर्जा मिला था।
1989 में पहली बार बने थे चेयरमैन
युवावस्था से ही राजनीति में सक्रिय रहे कमरुद्दीन ने पहली बार वर्ष 1989 में तराजू चुनाव निशान के साथ चुनाव लड़ा था और जीत हासिल कर नगर पालिका परिषद के चेयरमैन बने थे। वर्ष 1992 में मुलायम सिंह के करीब आए और समाजवादी पार्टी शामिल हो गए। हालांकि 1996 में उन्होने गोंडा सदर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन सफलता नहीं मिली। वर्ष 2000 में वह दूसरी बार नगर पालिका के चेयरमैन बने। वर्ष 2017 के नपाप चुनाव में सपा के टिकट पर उनकी बेटी उज्मा राशिद नगर पालिका परिषद की चेयरमैन बनी। हालांकि इस चुनाव को जीतने के लिए कमरुद्दीन पर अपरोक्ष रूप से भाजपा की मदद लेने का भी आरोप लगा। चुनाव के बाद वह यदा कदा सदर बीजेपी विधायक के साथ मंच साझा करते भी देखे गए लेकिन अंत समय तक उनकी निष्ठा समाजवादी पार्टी में बनी रही। कमरुद्दीन सपा संस्थापक स्व मुलायम सिंह यादव व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी रहे।
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