मुरादाबाद : सावधान! बढ़ते तापमान से लोगों को वन्य जीवों से भी खतरा
मौसम का असर : नए ठिकाने और खाने की तलाश में रिहायशी क्षेत्रों की ओर आता है तेंदुआ, क्षेत्र के जंगल में 3199 वन्यजीव
इस्लामनगर रोड स्थित खेत में नीलगाह।
मुरादाबाद, अमृत विचार। सावधान! तापमान वृद्धि से वन्य जीव अपना ठिकाना बदलेंगे। अचानक मौसम के बदलाव से खेती किसानी के लिए भी चिंता करने वाली बात है। ऐसे में वन्य जीवों में अपने खाने और विश्राम के लिए ठिकाने खोजने की व्यकुलता बढ़ने से रिहायशी इलाकों के लिए खतरा बढ़ गया है। वन्य जीवों में रिहायशी इलाकों के लिए सबसे खतरनाक तेंदुआ माना जाता है। हालांकि तेंदुए के अलावा 3199 वन्यजीव जंगल में रहते हैं। लेकिन, तेंदुआ अधिकांश रिहायशी गांव और कस्बों के पास गन्ने के खेत में गर्मी से बचने के लिए अपने परिवार के साथ रहता है। गन्ने की फसल कटते ही रिहायशी इलाकों की ओर चल देता है।
बढ़ते तापमान के बीच वन्य जीवों का जीवन प्रभावित होता है। ठंड और पानी की तलाश में वे गांवों की ओर रुख करते हैं। इसके अलावा गन्ने की फसल कटने के बाद तेंदुआ अपना नया ठिकाना और खाना खोजने के लिए निकलता है। जिससे जंगल के पास बसे गांव व कस्बों में रहने वाले लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता है।
जिला प्रभागीय वन क्षेत्र अधिकारी सूरज सिंह ने बताया कि 30 जून 2022 की गणना के अनुसार, सामाजिक वानिकी विभाग मुरादाबाद, ठाकुरद्वारा, बिलारी रेंज में कुल वन्य जीव 3199 थे। क्षेत्र में पांच तेंदुए में एक मादा और तीन बच्चे सहित आठ तेंदुआ प्रजाति के जीव है। तेंदुआ प्रजाति बिलारी, ठाकुरद्वारा व उत्तराखंड की सीमा तक देख जाती है। फिलहाल, तेंदुआ गांवों के पास अधिकांश गन्ने के खेतों में रहता है। जंगल में छिपने वाली जगह, पानी के तालाब या नहर और नदी के किनारे अपना ठिकाना बनाता है। तेंदुआ रात में अपने शिकार के लिए 70 से 80 किलोमीटर तक सफर तय कर लेता है। तेंदुए का सबसे पसंदीदा शिकार कुत्ता और बकरी हैं। जिसका वह रात में आसानी से शिकार कर लेता है।

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