चम्पावत: मानसखंड कॉरिडोर विकसित करने की दिशा बढ़ रहे कदम - धामी

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Published By Bhupesh Kanaujia
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चम्पावत, अमृत विचार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कहा कि केदारखंड के मंदिरों को विकसित करने के साथ ही हम मानसखंड कॉरिडोर को भी विकसित करने की दिशा में बढ़ रहे हैं।

उत्तर भारत के प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेले का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने जनता और श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि मानसखंड कॉरिडोर के अंतर्गत कुमांऊ के गोल्ज्यू मंदिर, पाताल भुवनेश्वर, कोट भ्रामरी, देवीधुरा, कैंचीधाम, बाल सुंदरी तथा मां पुण्यागिरी मंदिर सहित अनेक मंदिरों को चिह्नित किया गया है।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर  "कर्तव्य पथ" पर मानसखंड कॉरिडोर पर आधारित हमारी झांकी को पहली बार प्रथम पुरस्कार मिला। राज्य सरकार उत्तराखंड के पौराणिक धार्मिक स्थलों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के साथ-साथ विकास के ऐसे नए नए आयाम स्थापित करे, जिससे उत्तराखंड का नाम पूरे देश में गूंजे।

प्रधानमंत्री मोदी के दिशा निर्देशन में हमारी सरकार उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए 'विकल्प रहित संकल्प' के मंत्र के साथ निरंतर कार्य कर रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा समूह की महिलाओं द्वारा पूर्णागिरि धाम हेतु तैयार किए गए प्रसाद तथा प्रसाद रखने हेतु समूह की महिलाओं द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत बनाई गई पीरुल की टोकरी का लोकार्पण किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने पूर्णागिरि मेले में आए श्रद्धालुओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया एवं भक्तों द्वारा लगाए गए भंडारे में पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया। मेला उद्घाटन अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल महरा, पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी,भाजपा प्रदेश मंत्री हेमा जोशी, नगर पालिका अध्यक्ष टनकपुर विपिन कुमार, नगर पंचायत अध्यक्ष बनबसा रेनू अग्रवाल, जिला अधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य लोग मौजूद रहे।


सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की भावना पुनः जागृत हुई 
टनकपुर: मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि, देश में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की भावना पुनः जागृत हुई है। वहीं, प्रदेश सरकार भी उत्तराखंड के प्राचीन मंदिरों के पुनर्निर्माण और जीर्णोद्वार के लिए प्रतिबद्ध है। आध्यात्मिक एवं धार्मिक रूप से उत्तराखंड को देवी-देवताओं की भूमि माना जाता है। यही कारण है कि गढ़वाल मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को भगवान केदारनाथ की भूमि मानते हुए जहां केदारखंड पुकारा जाता है। वहीं, कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को कैलाश मानसरोवर की भूमि मानते हुए मानसखंड कहा जाता है। 

राज्य सरकार कर रही ऐतिहासिक कार्य: टम्टा 
टनकपुर: सांसद अजय टम्टा ने कहा कि सभी धामों को आगे बढ़ाने हेतु कुमाऊं मंडल के सभी धामों, मंदिरों को मानसखंड कॉरिडोर में शामिल कर उन्हें आगे बढ़ाने हेतु राज्य सरकार द्वारा ऐतिहासिक कार्य किया जा रहा है, जिससे धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा। कहा कि, युवा नेतृत्व में राज्य विकास की सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार पर्यटन, साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्यरत है। सांसद ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशों में प्रत्येक वर्ग का 
विकास तेजी के साथ किया जा रहा है। 

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