सिसोदिया के खिलाफ आरोप गंभीर, जांच होनी चाहिए: कांग्रेस

सिसोदिया के खिलाफ आरोप गंभीर, जांच होनी चाहिए: कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले के मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद सोमवार को कहा कि आरोप बहुत गंभीर हैं और इसकी जांच होनी चाहिए। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि इस मामले को लेकर कांग्रेस के रुख में किसी तरह की भ्रम की स्थिति नहीं है और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर उसका रुख बिल्कुल स्पष्ट है।

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में सवाल किया कि जब कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई हुई, तो आम आदमी पार्टी चुप क्यों थी? सुप्रिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी को यह फैसला करना होगा कि वह ‘भाजपा की बी टीम’ है या फिर विपक्ष के साथ है और यदि वह विपक्ष के साथ है, तो उसे सभी मुद्दों पर विपक्षी दलों के साथ खड़े रहना होगा। उधर, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए दिल्ली में कई स्थानों पर पोस्टर लगाये हैं।

पोस्टर में सिसोदिया और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को सलाखों के पीछे दिखाया गया है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उद्धृत करते हुए कहा गया है, ‘‘जो भ्रष्टाचारी है, वही देशद्रोही है।’’ गौरतलब है कि दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी घोटाला मामले में सोमवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अदालत से कहा कि उसे आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सिसोदिया की हिरासत की अब जरूरत नहीं है। 

यह पूछे जाने पर कि क्या सिसोदिया के मामले को लेकर कांग्रेस में भ्रम की स्थिति है तो सुप्रिया ने कहा, ‘‘हम बिल्कुल भी असमंजस में नहीं है। हमारा रुख स्पष्ट है। अगर राबड़ी देवी के यहां सीबीआई पहुंची है, तो हम उसकी भर्त्सना करते हैं। यह कोई संयोग नहीं है। 2014 के बाद ईडी के मामले चार गुना बढ़ गए और इनमें से 95 प्रतिशत मामले विपक्ष के खिलाफ हैं।

ईडी अडाणी के यहां नहीं पहुंचती है। एजेंसी के दुरुपयोग को लेकर हमारा रुख स्पष्ट है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह भी सच है कि दिल्ली की शराब नीति उस वक्त बनाई जा रही थी, जब दिल्ली ऑक्सीजन के बिना तड़प रही थी। अगर यह नीति वापस नहीं ली गई होती, तो दिल्ली के हर घर के नीचे शराब का ठेका खुल गया होता...आरोप बड़े गंभीर हैं। इसमें कांग्रेस ही मुख्य शिकायकर्ता है। इस मामले की जांच होनी चाहिए।’’ 

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