वर्दी के अन्दर इन्सान भी है, रखें इसकी लाज : धर्मवीर प्रजापति
होमगार्ड मंत्री ने मृतक आश्रितों को दिया पांच लाख का चेक
अमृत विचार, बाराबंकी। होमगार्ड के जवान चौराहे पर असहाय व्यक्ति को देखकर उसकी मदद करें। क्युंकी वर्दी के अन्दर इन्सान भी है। इस वर्दी की लाज होमगार्ड के जवानों को रखनी चाहिए। यह बात कलेक्ट्रेट स्थित डीआरडीए सभागार में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए कारागार एवं होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच कही। इस बीच उन्होंने मृतक होमगार्ड जवान के आश्रित परिवार को पांच लाख रूपए का चेक दिया ।
मंत्री धर्मवीर ने कहा जिला कारागार की व्यवस्था भाजपा सरकार में बेहतर हुई है 55 जेलों में आज बच्चों व बंदियों को शिक्षित करने के लिए अध्यापक मौजूद है। प्रदेश के 14 जेलों में बच्चों के खेलने के लिए पार्क बनाए गए हैं सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के सभी जेलो में अनिरुद्ध महिला बंदियों के बच्चों को खेलने के लिए पार्क और पढ़ाई के लिए अध्यापकों की व्यवस्था पूरी कर ली जाए। कारागार मंत्री ने कहा कि जेलों में शनिवार और मंगलवार को सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से हो रहा है महामृत्युंजय मंत्र और गायत्री मंत्र के उच्चारण से निरुद्ध कैदियों की शारीरिक और मानसिक स्थिति बेहतर हो रही है ,और एक अच्छे परिवेश का निर्माण हुआ है।
कारागार मंत्री ने कहा उन्होंने जब पदभार सम्भाला तो प्रदेश की सभी जेलों में 384 ऐसे कैदी थे जो पैसा ना जमा कर पाने की वजह से रिहा नहीं हो पा रहे थे। 6 अप्रैल 2018 को पहली बार अधिकारियों के साथ बैठक कर ऐसे बन्दियो की प्रदेश भर से सूची मंगा कर 136 ऐसे कैदियों को जन सहयोग से रिहा करवाया । 400 से अधिक ऐसे कैदियों को जन सहयोग व सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से अट्ठारह लाख 84 हजार रूपए का पेमेंट करा कर जेलों से रिहा करवाया गया । उन्होंने जिला कारागार व होमगार्ड के अधिकारियों व मौजूद कर्मचारियों को नसीहत देते हुए कहा कि जिनकी जड़ें कमजोर होती है वह पौधे उखड़ जाते हैं। उदाहरण देते हुए कहा कि कभी-कभी पैसा जेब में होता है तब भी व्यवस्थाएं फेल हो जाती है। इच्छा शक्ति और मजबूत संकल्प के सहारे ही हम सब सामुहिक रूप से व्यवस्थाओं को सुधार सकते हैं ।
मंत्री ने होमगार्ड जवानों की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना कालखंड में जब पूरा देश बंद था और कोई एक दूसरे के निकट नहीं जाता था ,तब इन्हीं होमगार्ड के जवानों ने एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश तक घर लौट रहे लोगों को उनको गंतव्य तक बिना जान परवाह किए भूखे प्यासे रहकर पहुंचाया । होमगार्ड की भूमिका पुलिस की भूमिका से कहीं कम नहीं है। उन्होंने कहा 2018 में 375 रूपये होमगार्ड को प्रतिदिन दिये जा रहे थे कोई महंगाई भत्ता नहीं दिया जा रहा था। भाजपा सरकार में उसे बढ़ाकर पहले 500 किया फिर 20 21 में 100 रूपये और बढ़ाया। होमगार्ड की सुविधा के लिए व्यवस्था को पारदर्शी बनाया गया अब दैनिक भत्ता सीधे जवानों के खाते में जा रहा है । सरकार होमगार्डों के लिए 5 लाख रुपए अनुग्रह राशि मृतक आश्रित को दे रही है ।सरकार का होमगार्डों का 30 लाख रुपए का बीमा भी एचडीएफसी बैंक के माध्यम से करा रही है जिससे होमगार्ड जवानों की नौकरी के दौरान मृत्यु होने पर तीस लाख रुपए बीमा से वह पांच लाख सरकार से आश्रितों के जीवकोपार्जन के लिए दिया जा सके ।
बैठक को डीजी होमगार्ड विजय मौर्य ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर मंडलीय होमगार्ड के अधिकारी , पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह , जेल अधीक्षक पीपी सिंह ,जेलर आलोक शुक्ला , सहित होमगार्ड व जिला कारागार के अधिकारी मौजूद रहे।
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