बरेली: बारिश ले डूबी धान, गेहूं उगाने वाले बढ़ती गर्मी से परेशान

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Published By Vishal Singh
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करीब दो लाख हेक्टेयर में जिले में हुई है गेहूं की बुवाई, तापमान 30 डिग्री पार पहुंचा तो होगा नुकसान

बरेली, अमृत विचार। पिछले साल बेतहाशा बारिश की वजह से धान की फसल में भारी नुकसान झेल चुके किसानों को अब होली से पहले तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि से गेहूं की चिंता सता रही है। दिन और रात दोनों समय पारा लगातार ऊपर चढ़ने से गेहूं का उत्पादन गिरने की आशंका है।

कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनपद में करीब सवा दो लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई होती है। जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र सिंह चौधरी का कहना है गेहूं की अच्छी पैदावार तभी संभव है, जब बुवाई 15 अक्टूबर से 20 नवंबर के बीच हो जाए। फसल पकने के लिए करीब 135 दिन चाहिए होते हैं। कोपल फूटने के बाद फसल को बढ़वार के लिए नमी के साथ कोहरा चाहिए। बालियों में दाना पड़ते समय तापमान करीब 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच मुफीद रहता है लेकिन इस बार तापमान हैरतअंगेज ढंग से बढ़ रहा है।

बताया जा रहा है कि गेहूं की अगैती फसल तो 30 डिग्री के ऊपर तक तापमान सहन कर सकती है लेकिन पिछैती फसल में तापमान बढ़ने से गेहूं के दाने समय से पहले पकने शुरू हो जाएंगे और उनका अकार छोटा रह जाने से उपज प्रभावित होगी। जिला कृषि अधिकारी के अनुसार आमतौर पर औसत पैदावार करीब चार क्विंटल प्रति बीघा होती है, इस बार पिछैती फसल मं एक-डेढ़ क्विंटल प्रति बीघा की कमी आ सकती है।

गर्मी से बचाने के लिए करनी पड़ेगी अतिरिक्त सिंचाई
अपर जिला कृषि अधिकारी ऋषिपाल गंगवार बताते हैं कि गेहूं की फसल के दाने मार्च के दूसरे और तीसरे सप्ताह में पकते हैं फिर इसकी कटाई शुरू हो जाती है लेकिन इस बार बढ़े हुए तापमान के कारण मार्च के पहले हफ्ते में ही गेहूं के दाने पक जाने के आसार है। इससे प्रति हेक्टेयर पैदावार करीब पांच क्विंटल कम होने का अनुमान है। ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में भीषण गर्मी से फसलों को बचाने के लिए किसानों को सिंचाई करने के साथ दवा के छिड़काव की जरूरत पड़ेगी। इससे उत्पादन प्रभावित होगा तो महंगाई बढ़ने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।

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