बरेली: बचने की राह बंद...शासन तक पहुंचा कागजों में गाड़ियों को दौड़ने का मामला

निदेशक बोलीं, मंडल के अन्य जनपदों से भी जुटाई जाएगी जानकारी

बरेली: बचने की राह बंद...शासन तक पहुंचा कागजों में गाड़ियों को दौड़ने का मामला

बरेली, अमृत विचार। ब्लाक परियोजना कार्यालयों पर आवंटित गाड़ियों को कागजों में दौड़ाया जा रहा है। अमृत विचार में खबर प्रकाशित होने के बाद मामला शासन तक पहुंच गया है। गाड़ियों के बिना चले ही हर माह ठेकेदार को भुगतान करने वाले अफसर व कर्मी फंसते नजर आ रहे हैं। निदेशक ने स्थानीय अधिकारियों से प्रकरण की रिपोर्ट तलब करने की बात कही है। उधर, सीडीओ ने मामले में डीडीओ एवं प्रभारी डीपीओ का जवाब तलब किया है। इस खेल में डीपीओ कार्यालय में तैनात एक बाबू की ठेकेदार से मिलीभगत होने की बात भी सामने आई है।

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से सभी 15 ब्लाकों के बाल विकास एवं परियोजना कार्यालय पर तैनात सीडीपीओ (बाल विकास एवं परियोजना अधिकारी) को विभागीय कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार आदि के लिए 14 गाड़ियां आवंटित की गई हैं। इनमें एक गाड़ी क्यारा और भोजीपुरा में 15-15 दिन के लिए निर्धारित है, लेकिन हकीकत यह है कि बहेड़ी, फरीदपुर समेत 10 से अधिक परियोजना कार्यालयों में यह गाड़ियां कागजों में दौड़ रही हैं।

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ठेकेदार को एक वाहन का हर महीने 20 हजार 800 रुपये के हिसाब से भुगतान करने का खेल चल रहा है। फर्म से जो 14 गाड़ियां परियोजना कार्यालयों में आवंटित दिखाई गई हैं। उनमें ज्यादातर कार हैं। इनमें किसी की इंश्योरेंस की तारीख निकल चुकी है तो किसी का टैक्सी परमिट नहीं होना बताया जा रहा है।

आसपास के जिलों में भी खंगाला जाएगा रिकार्ड
मिनी बाईपास रोड स्थित एक फर्म को बीते साल परियोजना कार्यालयों में गाड़ियां लगाने का ठेका दिया गया था। डीडीओ एवं प्रभारी डीपीओ अरुण कुमार की ओर से इसको लेकर आदेश जारी किया गया, लेकिन फर्म संचालक ने कई जगहों पर प्रभारी सीडीपीओ के खुद के वाहन से आने का पता चलने पर वहां गाड़ियां नहीं भेजीं। वहीं, पीलीभीत के परियोजना कार्यालयों में भी गाड़ियां लगाने को ठेकेदार की ओर से संपर्क करने का मामला जब निदेशक तक पहुंचा तो इसे गंभीरता से लिया गया। आसपास के जिलों में भी बाल विकास विभाग के परियोजना कार्यालयों पर आवंटित गाड़ियां का रिकार्ड लेने की बात कही गई है। शाहजहांपुर और बदायूं में भी इसी तरह का खेल होना बताया जाता है।

बाल विकास एवं परियोजना कार्यालय में आवंटित गाड़ियों को लेकर फर्जीवाड़े का मामला गंभीर है। प्रकरण में अफसर व कर्मियों की भूमिका की जांच कराई जाएगी। इस संबंध में रिपोर्ट तलब की जाएगी- सरनीत कौर ब्रोका, निदेशक, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग।

प्रभारी डीपीओ को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। मामले की गोपनीय जांच कराने के लिए कुछ प्रभारी सीडीपीओ से भी वार्ता की जाएगी। जरूरत पड़ी तो कमेटी बनाकर जांच कराएंगे- जग प्रवेश, सीडीओ।

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