UP Board Exam: ड्यूटी करने वाले 40 फीसदी शिक्षकों को नहीं मिला पुराना पारिश्रमिक

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Published By Deepak Mishra
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अयोध्या, अमृत विचार। यूपी बोर्ड से संचालित होने वाली हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का पारिश्रमिक प्रदेश सरकार ने 2019 में ही बढ़ा दिया था। लेकिन जनपद के 40 प्रतिशत शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को पिछल्ले वर्ष की बोर्ड परीक्षा ड्यूटी का ही पारिश्रमिक अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। 

वर्तमान में केन्द्र व्यावस्थापक के लिए 80 रुपये प्रति पाली या 160 रुपये प्रतिदिन देय है। वहीं अतिरिक्त केन्द्र व्यवस्थापक प्रतिपाली 53 या प्रतिदिन 106 रुपये है। कक्ष निरीक्षक के लिए 96 रुपये प्रतिदिन देय है। लिपिक को प्रतिदिन 33 रुपये प्रतिदिन निर्धारित है। 

वहीं प्रयोगात्मक परीक्षकों 8 रुपये प्रति छात्र देय है। परीक्षकों का पारिश्रमिक हाईस्कूल की एक कापी जांचने पर 11 रुपये व इंटरमीडिएट की एक कापी जांचने पर 13 रुपये प्रति उत्तर पुस्तिका निर्धारित है। लेकिन विगत वर्ष की परीक्षा में ड्यूटी कर चुके जिले के 40 प्रतिशत विद्यालयों को अभी तक कक्ष निरीक्षक, केन्द्र व्यवस्थापक, अतिरिक्त केन्द्र व्यवस्थापक, परीक्षकों के पारिश्रमिक का भुगतान नहीं मिला है। 

धन उपलब्ध है फिर भी नहीं हो रहा पारिश्रमिक का भुगतान : वीरेन्द्र सिंह
उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ पाण्डेय गुट के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह का कहना है कि शासन ने पारिश्रमिक बढ़ाने के साथ ग्रांट भी दे दिया था। लेकिन 40 प्रतिशत विद्यालयों को वर्ष 2022 की परीक्षा का ही पारिश्रमिक नहीं मिला है। 

मूल्यांकन समय फिर होने वाला है पिछल्ले साल का भुगतान धन उपलब्ध होने के बावजूद भुगतान नहीं किया जा रहा है। शिक्षक ईमानदारी से बोर्ड परीक्षा में कार्य कर रहे हैं। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी सही ढंग से कार्य नहीं कर रहे हैं।

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