बरेली: अफसर चकराए... निवेशकों को डूबी रकम वापस दिलाने का हिसाब कैसे बताएं

बरेली: अफसर चकराए... निवेशकों को डूबी रकम वापस दिलाने का हिसाब कैसे बताएं

बरेली, अमृत विचार। मोटे ब्याज की आस में जिन लोगों ने नेटवर्किंग कंपनियों में जीवन भर की पूंजी निवेश करने के बाद गवां दी, उनका ब्योरा इकट्ठा करते-करते राजस्व विभाग के अफसरों की सांसें पहले ही फूल चुकी हैं, अब शासन के एक आदेश ने उन्हें और ज्यादा चकरा दिया है। दरअसल, उनसे अब यह हिसाब मांगा गया है कि उन्होंने निवेशकों की कितनी शिकायतों का अब तक निस्तारण किया है। चूंकि शिकायतों के निस्तारण का सीधा सा मतलब निवेशकों को उनकी रकम वापस दिलाना है, लिहाजा अफसरों को सूझ नहीं रहा है कि इस सवाल का क्या जवाब दें। असमंजस इसलिए और ज्यादा है क्योंकि शासन से निवेशकों की शिकायतों के निस्तारण कोई गाइड लाइन भी जारी नहीं की गई थी।

तमाम शहरों की तरह बरेली में भी नेटवर्किंग कंपनियों के दफ्तर खुलने, सैकड़ों लोगों को दो-ढाई साल में रकम दुगनी कराने का झांसा देकर उनकी जमा पूंजी का निवेश कराने और फिर करोड़ों लेकर उड़ जाने का खेल सालों से चल रहा है। हजारों लोग अब तक करोड़ की रकम इन कंपनियों में गवां चुके हैं। संस्थागत वित्त, बीमा एवं बाह्य सहायतित परियोजना के महानिदेशक के आदेश पर करीब एक महीने से जिला प्रशासन उन निवेशकों से फार्म भरवाकर उनकी डूबी रकम का ब्योरा इकट्ठा कर रहा है। अनुमान के मुताबिक अब तक जिले भर में करीब एक लाख लोग ये फार्म भरकर जमा कर चुके हैं और यह सिलसिला सदर तहसील के साथ जिले भर की तहसीलों में अब तक जारी है। फार्मों में भरी गई निवेशकों की डूबी रकम का अभी हिसाब नहीं किया गया है लेकिन माना जा रहा है कुल मिलाकर यह रकम सैकड़ों करोड़ में पहुंच चुकी है।

फार्म जमा करने के लिए हर जगह कई-कई कर्मचारियों को लगाना पड़ रहा है, इससे दूसरे काम प्रभावित होने की वजह से अफसर पहले ही झुंझलाए हुए थे, अब संस्थागत वित्त, बीमा एवं बाह्य सहायतित परियोजना के संयुक्त निदेशक की नई चिट्ठी ने उनके होश उड़ा दिए हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व कार्यालय में पहुंची इस चिट्ठी में अब तक जमा हुए कुल फार्म, निस्तारित की गई शिकायतों और अवशेष शिकायतों की जानकारी मांगी गई है। अफसरों का सवाल है कि शिकायतों के निस्तारण की जब कोई गाइड लाइन ही जारी नहीं की गई तो उनके निस्तारण का हिसाब क्यों मांगा जा रहा है। दूसरे, निवेशकों की शिकायतों का निस्तारण उनकी डूबी रकम दिलाने से होना है लिहाजा यह मुमकिन भी नहीं है।

शुरू हुआ खेल, अपनी टोपी उसके सिर
संस्थागत वित्त, बीमा एवं बाह्य सहायतित परियोजना के संयुक्त निदेशक की चिट्ठी का क्या जवाब भेजा जाना है, अफसर अभी यह तय नहीं कर पाए हैं। हालांकि अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की ओर से भी जिले के सभी एसडीएम और तहसीलदारों को बुधवार को चिट्ठी जारी कर दी। उसमें भी निवेशकों के संबंध में उन्हीं तीनों बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है। हालांकि, इस बीच बरेली जिला प्रशासन ने आगरा के प्रशासन से शासन को भेजी गई रिपोर्ट की कॉपी मंगाई है। आगरा प्रशासन ने इसमें सिर्फ जमा हुए फार्मों की संख्या का ही उल्लेख किया है, बाकी दोनों बिंदुओं के आगे दिए कॉलम खाली छोड़ दिए हैं। माना जा रहा है कि बरेली प्रशासन भी आगरा की तरह रिपोर्ट ऊपर भेज देगा।

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