मनीष गुप्ता हत्याकांड : प्रॉपटी डीलर की हत्या में पत्नी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर उठाए सवाल, यह तीन लगाए नए आरोप

Amrit Vichar Network
Published By Kanpur Digital
On

गोरखपुर में हुए मनीष गुप्ता हत्याकांड में पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर पत्नी ने सवाल उठाए।

गोरखुपर में हुए मनीष गुप्ता हत्याकांड में पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने तीन नए आरोप उठाए। हत्याकांड की जांच कर चार्जशीट दाखिल कर चुकी सीबीआई अब नए आरोपों की भी जांच शुरू की।

कानपुर, अमृत विचार। प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड में उनकी पत्नी मीनाक्षी गुप्ता के तीन नए आरोपों ने एक बार फिर सनसनी फैला दी है। हत्याकांड की जांच कर चार्जशीट दाखिल कर चुकी सीबीआई अब नए आरोपों की भी जांच शुरू कर दी है। इन आरोपों छह नहीं सात पुलिसवालों पर हत्या का आरोप है।

जबकि मनीष के हाथ से सोने के ब्रेसलेट और जेब से 85 हजार रुपये लूटने के साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी सवाल उठाया गया है। वहीं मुकदमा दर्ज करने के दौरान डीएम-एसएसपी द्वारा धमकाने का भी आरोप है। सीबीआई ने इन आरोपों से जुड़े तथ्य को जुटाना शुरू कर दिया है।

27 सितंबर, 2021 की रात हुई थी मनीष की हत्या

कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की गोरखपुर के रामगढ़ताल इलाके के होटल कृष्णा पैलेस में 27 सितंबर 2021 की रात पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी। परिवार वालों ने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाया था। इस मामले में मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने रामगढ़ताल थाने पर तैनात रहे इंस्पेक्टर जगतनारायण सिंह, दरोगा अक्षय मिश्र, राहुल दुबे, विजय यादव, कांस्टेबल कमलेश यादव और आरक्षी प्रशांत सहित छह पुलिसकर्मियों पर पति की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। सभी पुलिसकर्मी वर्तमान में जेल में बंद हैं। बाद में इस मुकदमे की सीबीआई ने जांच की और सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की धाराओं में चार्जशीट लगाई।

तीन पुलिस वालों ने की थी कोर्ट में अपील

इस हत्याकांड में गोरखपुर के रामगढ़ताल थाने के जीप चालक आरक्षी कमलेश, सिपाही प्रशांत व दरोगा राहुल दूबे ने अदालत में याचिका डालकर अपना नाम केस से बाहर करने का अनुरोध किया था। आरोपी पुलिस वालों की ओर से कोर्ट में तर्क दिया था कि जब वह कमरे में गए तो मनीष घायल थे। उन्होंने उसे अस्पताल ले जाने में मदद की। अंदर कमरे में क्या हुआ, उन्हें नहीं मालूम।

कब क्या हुआ

- 27 सितंबर की देर रात गोरखपुर के होटल में पुलिस वालों पर मनीष को पीट-पीटकर मारने का आरोप लगा।
- 28 सितंबर को पोस्टमॉर्टम के बाद तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज, छह को सस्पेंड किया गया।
- 29 सितंबर की सुबह परिजन शव लेकर कानपुर पहुंचे। सीएम से मिलने की जिद पर अड़े थे। अंतिम संस्कार करने से भी इंकार किया।
- 30 सितंबर को प्रशासन के आश्वासन के बाद सुबह पांच बजे मनीष का अंतिम संस्कार किया गया। फिर उसी दिन सीएम ने मनीष की पत्नी से मुलाकात की।
- 2 अक्टूबर से इस मामले की जांच कानपुर एसआईटी ने शुरू की।
- 10 अक्टूबर की शाम रामगढ़ताल पुलिस ने इंस्पेक्टर जेएन सिंह और दरोगा अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार किया।
- 12 अक्टूबर को पुलिस ने दरोगा राहुल दुबे और कांस्टेबल प्रशांत कुमार को गिरफ्तार किया। 
- 13 अक्टूबर को पुलिस ने मुख्य आरक्षी कमलेश यादव को गिरफ्तार किया था।
- 16 अक्टूबर को पुलिस ने आखिरी आरोपी दरोगा विजय यादव को गिरफ्तार किया।
- 2 नवंबर को सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच शुरू की।
- 7 जनवरी को सीबीआई ने इस मामले में सभी पुलिस वालों के खिलाफ हत्या के आरोप में चार्जशीट दाखिल कर दी। 

संबंधित समाचार