चुनाव आयुक्त की नियुक्ति चुनावों के जरिए हो: उद्धव ठाकरे
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग को बर्खास्त किये जाने की मांग करते हुए सोमवार को कहा कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति चुनावों के जरिए की जानी चाहिए। ठाकरे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में राजनीतिक दलों से आयोग के खिलाफ यह कहते हुए एकजुट होने को कहा कि अभी जो शिवसेना के साथ हो रहा है वही बाद में अन्य पार्टियों के साथ होगा। उन्होंने इस बात पर संदेह जताया कि क्या देश में 2024 के बाद चुनाव होंगे।
उन्होंने कहा , मुझसे सब कुछ चुरा लिया गया है। हमारी पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न चोरी हो गया है लेकिन 'ठाकरे' नाम चोरी नहीं हो सकता। चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हमने उच्चतम न्यायालय का रूख किया , जहां कल से सुनवाई शुरू होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनकी पार्टी के खिलाफ चाल चल रही है। ठाकरे ने चेतावनी दी कि शिवसेना का जन्म भाजपा की हथेलियां चाटने के लिए नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समूह को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और पार्टी के पारंपरिक प्रतीक धनुष और तीर को आवंटित करने का चुनाव आयोग का फैसला गलत है। उन्होंने कहा , मूल रूप से चुनाव आयुक्त निर्वाचित नहीं होते हैं, लेकिन नियुक्त होते हैं। इस संबंध में भी याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इतना ही नहीं, जब शिवसेना के खिलाफ कई मामले अदालत में लंबित हैं, तो चुनाव आयोग को इतनी जल्दी में यह सब करने की क्या जरुरत थी। उन्होंने दोहराया कि न्यायालय में जारी कार्यवाही को और जटिल बनाने के लिए ही चुनाव आयोग ने यह सब गड़बड़झाला खड़ा किया है।
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