हिमाचल प्रदेश: सर्दी में तपने लगे पहाड़, पांच सालों का टूटा रिकॉर्ड
शिमला। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ फरवरी महीने में पसीना-पसीना होने लगे हैं। प्रदेश के कई जिलों में गर्मी ने बीते पांच सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। शिमला और भुंतर में बर्फबारी के महीने फरवरी में शनिवार अब तक का सबसे गर्म दिन रहा। शनिवार यानी 18 फरवरी को राजधानी शिमला में अधिकतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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इससे पहले वर्ष 2006 में 22.6 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था वहीं 2016 में फरवरी में ही 21.8 डिग्री सेल्सियस रहा था। इसी तरह कुल्लू जिले के भुंतर में भी अधिकतम तापमान के सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। भुंतर में शनिवार को अधिकतम तापमान 29.7 डिग्री सेल्सियस रहा। फरवरी 2018 में यह 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
सोलन में 16 फरवरी में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान 29.5 डिग्री रिकॉर्ड हुआ था। तापमान में बढ़ोतरी से हिमाचल के मौसम से ठंडक घट गई है। दोपहर के समय मैदानी जिलों में पसीना छूटना शुरू हो गया है। अटल टनल रोहतांग के पास धुंधी में हिमस्खलन हुआ है। जिससे मनाली लेह राष्ट्रीय राजमार्ग में मनाली-केलांग के बीच वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है।
जानकारी के अनुसार रविवार दोपहर बाद यहां अचानक पहाड़ी से हिमस्खलन होने से सड़क पर भारी मात्रा में बर्फ का मलबा आ गया है। ऐसे में बर्फ होने से एनएच-003 मनाली केलांग आवाजाही के लिए बंद हो गया है। पुलिस ने वाहनों को सुरक्षित स्थान पर रोक दिया है। वहीं लाहौल स्पीति के पुलिस अधीक्षक मानव वर्मा ने बताया कि मार्ग आवाजाही के लिए बंद है। बीआरओ ने मार्ग को बहाल करने का कार्य शुरू कर दिया है।
जैसे ही मार्ग बहाल होगा वाहनों की आवाजाही शुरू की जाएगी। शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि मौसम में इस बार पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता कम रही है।
मौसम में आए इस बदलाव के कारण तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। फरवरी में प्रदेश में अभी तक सामान्य से 59 फीसदी कम बारिश हुई है। इस अवधि में 56 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। इस वर्ष एक से 18 फरवरी तक केवल 23 मिलीमीटर बारिश ही हुई है।
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