मुरादाबाद : कहानियों की कड़ियों में कातिल तलाश रही पुलिस, सीए के 50 से अधिक करीबियों से की पूछताछ

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Published By Bhawna
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सीए हत्याकांड  : सीसीटीवी में कैद घटना की वीडियो फुटेज खंगाल रही पुलिस    

मुरादाबाद,अमृत विचार। सीए श्वेताभ तिवारी हत्याकांड की जांच बेनतीजा है। वारदात के 48 घंटे बाद भी कोई ऐसा क्लू अथवा सुराग पुलिस के हाथ नहीं है, जिससे कि शातिर कातिल बेनकाब हो सके। श्वेताभ के करीबियों से जुड़ी कहानियों को पुलिस फिलहाल खंगालने में जुटी है। पुलिस को यकीन है कि सीए का शातिर कातिल कहानियों के अंबार में छिपा है। यही वजह है कि पुलिस अब तक सीए के 50 से अधिक करीबियों से पूछताछ कर चुकी है। 

सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में साईं गार्डन निवासी सीए श्वेताभ तिवारी व उनके पड़ोसी अखिल अग्रवाल व्यावसायिक पार्टनर हैं। बुधवार रात करीब सवा नौ बजे श्वेताभ तिवारी दिल्ली रोड स्थित बंसल कॉम्पलेक्स में अपने कार्यालय से बाहर निकले। आफिस के सामने कार में बैठकर श्वेताभ तिवारी व उनके पार्टनर अखिल अग्रवाल ने बात की। तभी सीए के मोबाइल फोन पर एक कॉल आई। मोबाइल पर बातचीत करते हुए वह कार से बाहर निकले। दिल्ली रोड किनारे मोबाइल फोन पर बातचीत के दौरान ही बाइक सवार दो बदमाशों ने सीए पर गोलियां बरसा दीं। 

सीए को घेर कर छह गोली मारने के बाद बदमाश बुद्धि विहार की ओर भाग निकले। श्वेताभ जब वापस वापस नहीं लौटे, तो उनके पार्टनर अखिल ने मोबाइल फोन पर कॉल किया। कॉल रिसीव नहीं हुई। अखिल कार से बाहर निकले। तब उन्हें वारदात का पता चला। अखिल के साथ बिलारी का रहने वाला एक और व्यक्ति भी मौके पर मौजूद था। हत्या की पुष्टि के बाद पुलिस ने अखिल अग्रवाल व उनके दूसरे साथी से 24 घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि वारदात से ठीक पहले सीए श्वेताभ तिवारी छजलैट की रहने वाली उस लड़की से बात कर रहे थे, जो कभी उनके आफिस में नौकरी करती थी। 

घटना की तह तक जाने के उद्देश्य से पुलिस ने श्वेताभ तिवारी के आफिस में तैनात अन्य कई कर्मचारियों से पुलिस सिलसिलेवार पूछताछ कर रही है। इसके अलावा सीसीटीवी में कैद हत्या की घटना को पुलिस कई बार देख चुकी है। पुलिस के मुताबिक दोनों शूटर के सिर पर हेलमेट था। हेलमेट की वजह से शूटरों की पहचान नहीं हो पा रही। इसके अलावा पुलिस ने सीए के आवास पर काम करने वाले कर्मचारियों से भी पूछताछ की है। इसमें दो नौकरानी, दो कर्मचारी, कार चालक के साथ ही व्यावसायिक पार्टनर अखिल अग्रवाल का वाहन चालक भी शामिल है।

पुलिस ने श्वेताभ तिवारी की पत्नी शालिनी से भी पूछताछ की कोशिश की। शालिनी तिवारी ने तबीयत ठीक न होने का हवाला देकर बात करने से इन्कार कर दिया। पुलिस की तफ्तीश के बावत एसएसपी हेमराज मीना ने बताया कि कातिलों तक पहुंचने की कोशिश में सीए के करीबियों से पूछताछ हो रही है। पूछताछ में कई कहानियां सुनने को मिल रही हैं। कड़ियों को जोड़ने की कोशिश हो रही है। फिलहाल ऐसी कोई जानकारी हाथ नहीं लगी है, जिससे कि कातिल की पहचान हो सके। 

व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वियों पर गड़ी है पुलिस की नजर 
शातिर शूटरों ने जिस रूप में सीए श्वेताभ तिवारी को मौत के घाट उतारा, वह पुलिस के लिए चौंकाने वाला है। वारदात के तौर तरीके से माना जा रहा है कि भाड़े के गुर्गों ने श्वेताभ को मौत के घाट उतारा। हत्या का मास्टर माइंड कोई और है। अब सवाल यह कि आखिरकार वह कौन है, जिसके आंख की किरकिरी श्वेताभ बन थे। वह व्यावसायिक प्रतिद्वंदिता के शिकार तो नहीं हुए। ऐसे कई सवाल फिलहाल पुलिस के जेहन में हैं, जिनकी वजह से पुलिस घटना को व्यावसायिक प्रतिद्वंदिता से भी जोड़ कर देख रही है। सीए के करीबियों का दावा है कि श्वेताभ कुछ ही वर्षों में महानगर के एक कामयाब बिल्डर के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे। एक साथ वह कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। उत्तराखंड के भवाली में वह रिसॉर्ट व आवासीय कालोनियां बना रहे थे। दिल्ली रोड पर एक रेस्टोरेंट भी बना रहे थे। शहर में भी उन्होंने कई प्रापर्टी बना रखी थी। उनका प्रापर्टी का कारोबार मुरादाबाद ही नहीं, बल्कि 

दिल्ली एनसीआर व उत्तराखंड तक फैला था। 
सीए की व्यावसायिक गतिविधियों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली रोड स्थित उनके आफिस में करीब 80 लोगों का स्टाफ काम करता था। रामपुर रोड पर लवीना रेस्टोरेंट के समीप भी उन्होंने एक कार्यालय खोल था। दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा समेत कई अन्य शहरों की बड़ी फर्मों के एकाउंट्स का काम भी वह देखते थे। पुलिस की जांच से यह साफ हो गया है कि श्वेताभ बड़ी व्यावसायिक गतिविधियों में लिप्त थे। उनकी उंची आर्थिक उड़ान व वारदात के तौर तरीके की कड़ियों को पुलिस जोड़ने में जुटी है।

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