मस्तिष्क अनुसंधान के लिए बेंगलुरु के केंद्र को 450 करोड़ रुपये देगा प्रतीक्षा ट्रस्ट
बेंगलुरु। भारत में गहन विज्ञान के क्षेत्र में परोपकारी सहयोग के लिये प्रतीक्षा ट्रस्ट की एक पहल मील का पत्थर साबित हो सकती है। ट्रस्ट बुजुर्गों की आबादी के न्यूरोडीजेनेरेटिव (तंत्रिका तंत्र संबंधी) रोगों पर मौलिक और सीधे तौर पर मनुष्यों को लाभान्वित करने संबंधी शोध में तेजी लाने के लिए यहां ‘सेंटर फॉर ब्रेन रिसर्च’ (सीबीआर) को 450 करोड़ रुपये से अधिक की रकम देगा।
प्रतीक्षा ट्रस्ट परोपकारी एस गोपालकृष्णन (इंफोसिस के सह-संस्थापक व एक्सिलोर वेंचर्स के अध्यक्ष) और सुधा गोपालकृष्णन द्वारा स्थापित एक धर्मार्थ ट्रस्ट है। ट्रस्ट ने भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) और संस्थान परिसर में स्थित आईआईएससी के एक स्वायत्त केंद्र - ब्रेन रिसर्च सेंटर के साथ बुधवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
बेंगलुरु स्थित आईआईएससी ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के तहत, ट्रस्ट ने अगले 10 वर्षों में 450.27 करोड़ रुपये के प्रारंभिक परिव्यय के साथ, अनुसंधान, नवाचार और मनुष्यों को सीधे तौर पर लाभान्वित करने वाले शोध के लिए बेंगलुरु स्थित सीबीआर को सहायता प्रदान करने के लिए उदारतापूर्वक सहमति व्यक्त की है। इससे पहले 2014 में, प्रतीक्षा ट्रस्ट ने आईआईएससी परिसर में सीबीआर स्थापित करने में मदद की थी।
एस. गोपालकृष्णन ने कहा, “मानव मस्तिष्क दुनिया के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है, जिसे अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है। इस केंद्र को वित्तपोषित करके, आईआईएससी की मदद से हम विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त, अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचार केंद्र बनाने व कायम रखने की दिशा में काम कर रहे हैं जो मानव मस्तिष्क पर अनुसंधान के अत्याधुनिक होगा।”
आईआईएससी के एक बयान में कहा गया है कि वर्तमान समझौता ज्ञापन के माध्यम से प्रतीक्षा ट्रस्ट द्वारा समर्थन का पर्याप्त विस्तार सीबीआर में अनुसंधान और नवाचार गतिविधियों को बढ़ाने में मदद करेगा।
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