बरेली: ट्रांसफर, पोस्टिंग में नहीं चलेगी 'नेताजी' की पैरवी- सीडीओ
सीडीओ बोले, हर सप्ताह होती है विकास कार्यों की समीक्षा, ब्लाक और ग्राम स्तरीय अधिकारियों को अच्छे काम पर मिलेगा चार्ज
बरेली, अमृत विचार। पहले ग्राम विकास और ग्राम पंचायत अधिकारियों के निलंबन और बहाली पर सीडीओ ने रोक लगाई और अब ट्रांसफर-पोस्टिंग में किसी में ''नेताजी'' की पैरवी नहीं चलेगी। हर सप्ताह होनी वाली सरकारी योजनाओं समेत विकास कार्यों की समीक्षा और गांव वालों से फीडबैक के आधार पर सचिवों के अच्छे काम का मूल्यांकन कराने के बाद ही उन्हें चार्ज दिया जाएगा। सीडीओ की पहल से मनचाही तैनाती के लिए सिफारिशें कराने वाले सचिवों को झटका लगा है।
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दरअसल, ग्राम स्तर पर तैनात ज्यादातर ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी मनचाही पंचायत में ट्रांसफर, पोस्टिंग के लिए जनप्रतिनिधियों का सहारा लेते हैं। इसमें ब्लाक स्तरीय अधिकारी भी पीछे नहीं रहते हैं। वर्तमान सीडीओ जग प्रवेश ने जब जनपद में ज्वाइन किया तो उनके पास भी कई सचिवों और कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए नेताओं की पैरवी पहुंची। सीडीओ इस पर काफी नाराज हुए।
उन्होंने नेताओं से पैरवी कराकर अधिकारियों व कर्मचारियों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू की। सीडीओ ने बेहतर काम को पैमाना बनाते हुए हर सप्ताह विकास भवन सभागार में सरकारी योजनाओं और ग्राम पंचायत में कराए जाने वाले विकास कार्यों की समीक्षा की व्यवस्था की।
बैठक में खंड विकास अधिकारियों के अलावा डीसी मनरेगा, डीआरडीए के परियोजना निदेशक समेत कई अन्य विभाग के अधिकारी भी शामिल होते हैं। इस दौरान ग्राम पंचायतों में हुए कार्यों की प्रगति देखी जाती है। जिसके आधार पर अब सचिवों की तैनाती की योजना बनाई गई है।
गोपनीय चरित्र प्रविष्टि पर भी रहेगा फोकस
सीडीओ की ओर से डीपीआरओ समेत कई अधिकारियों को गांवों के निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा मनरेगा, जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र, एनआरएलएम, श्रम विभाग समेत अन्य विभागों के क्रियान्वयन को लेकर ग्राम पंचायत सचिवों को गोपनीय चरित्र प्रविष्टि दी जाएगी।
अधिकांश देखा जा रहा है कि ग्राम विकास और ग्राम पंचायत अधिकारी ट्रांसफर कराने के लिए सक्षम अधिकारी पर किसी जनप्रतिनिधि से फोन कराकर या फिर उनका पत्र लगाकर दबाव बनवाते हैं। भविष्य में जो भी अनावश्यक फोन से दबाव बनवाएगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। सचिवों का ट्रांसफर और पोस्टिंग उनके कार्यों के आधार पर ही किए जाएंगे---जग प्रवेश, सीडीओ।
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