लखनऊ : दानवीरों के सहारे नौनिहालों का पेट भर रही अक्षय पात्र

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Published By Virendra Pandey
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अमृत विचार, लखनऊ। मिड डे मील यानी मध्याह्न भोजन योजना के तहत अक्षय पात्र दानवीरों के सहारे नौनिहालों का पेट भर रही है। अक्षय पात्र पर इस कदर भार है कि उसने जिले के माल व मलिहाबाद के अलावा 40 मदरसों में मिड डे मील पहुंचाने से भी इन्कार कर दिया है। कारण यह है कि सरकार द्वारा मध्याह्न भोजन योजना के तहत कक्षा एक से पांच तक प्रति छात्र 4.97 का बजट है और कक्षा छह से आठ तक प्रति छात्र 7.45 रुपये है। ऐसे में अक्षय पात्र व अन्य एनजीओ मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता के लिए दानवीरों का सहयोग ले रही है।

बता दें कि लखनऊ जिले में 1826 स्कूल हैं और 2.50 लाख बच्चे हैं। वर्तमान में 1471 स्कूलों में अक्षय पात्र मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को भोजन परोस रही है। जबकि स्थिति यह है कि सरकार द्वारा मध्याह्न भोजन योजना के तहत कक्षा एक से पांच तक प्रति छात्र 4.97 का बजट है और कक्षा छह से आठ तक प्रति छात्र 7.45 रुपये है। कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए 100 ग्राम अनाज और छह से आठ तक के बच्चों को 150 ग्राम अनाज दिया जा रहा। अक्षय पात्र संस्था के जिम्मेदारों का कहना है कि उनके पास अगर दानवीर न हो तो वह इस योजना के तहत बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं दे सकते। अक्षय पात्र की क्षमता सौ बच्चों को भोजन पहुंचाने की है इसके बावजूद लखनऊ जिले में अक्षय पात्र एक लाख 70 हजार बच्चों को मध्याह्न भोजन योजना का लाभ पहुंचा रही है। इसीलिए अक्षय पात्र ने माल और मलिहाबाद के साथ मदरसों में मध्याह्न भोजन योजना का कार्य करने से मना कर दिया है।

कोट
मध्याह्न भोजन योजना को लेकर अक्षय पात्र परिषदीय विद्यालयों में क्षमता से अधिक बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण भोजन पहुंचा रही है। जबकि इस मद में मिलने वाली सरकारी सहायता नाकाफी है। अक्षय पात्र के पास अगर दानवीर न हो तो संस्था इस योजना का लाभ बच्चों को नहीं पहुंचा सकती।

घनश्याम पांडेय सहायक मैनेजर, अक्षय पात्र 

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