UP SCERT : मोटिवेशन और पॉजीटिव थिकिंग से यूपी के डायट संस्थानों की बदलेगी कार्यशैली, बेसिक शिक्षा मंत्री ने कही अहम बातें...
अमृत विचार लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद (Basic Education Council of Uttar Pradesh) की ओर से संचालित प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को बेहतर शैक्षिक व्यवस्था मिले इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (State Council of Educational Research and Training) की ओर से नई-नई पहल जारी हैं। इसी क्रम में मोटिवेशन व पॉजीटिव थिकिंग (Motivation and positive thinking) के माध्यम से लखनऊ सहित प्रदेश भर के डायट संस्थानों में भी एक नई उर्जा के साथ कार्यशैली में तेजी लाने का लक्ष्य रखा गया है। गुरूवार को इस संबंध में लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की पहल पर मोटिवेशन व पॉजिटिव थिकिंग विषय पर कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला की शुरूआत मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार संदीप सिंह ने किया।
वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप के अतिथि के रूप में अपर राज्य परियोजना निदेशक मधुसूदन नागराज हुल्गी और मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय रेल यातायात सेवा के वरिष्ठ अधिकारी गौरव कृष्ण बंसल शामिल हुए। इसके साथ ही भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी, वडोदरा में वरिष्ठ प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। गौरव कृष्ण बंसल ने प्रदेश के अलग-अलग डॉयट संस्थानों से आये प्रवक्ताओं व प्राचार्यों को मोटिवेट किया। कार्यक्रम में एससीईआरटी निदेशक डॉ अंजना गोयल व संयुक्त निदेशक (एसएसए), डॉ पवन सचान भी शामिल हुए।
पांच डॉयट सेंटर आफ एक्सिलेंस के रूप में स्थापित
इस मौके पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार संदीप सिंह ने कहा कि सभी डायट्स पूर्व में जैसे थे, उसकी तुलना में वर्तमान में उनमें बहुत सुधार हुआ है और एससीईआरटी के नेतृत्व में कई डायट्स बहुत बेहतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डायट्स को सेन्टर ऑफ एक्सिलेन्स के रूप में विकसित किये जाने कि कार्यवाही की जा रही है। उनमें सभी अवस्थापना सुविधायें उपलब्ध करायी जा रहीं है, जिससे उनमें शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम गुणवत्तापूर्ण हो सके। शिक्षकों को पूर्ण रूप से परिष्कृत करने एवं निखारने का कार्य विभिन्न डायट्स द्वारा किया जा रहा है।
शिक्षकों को दी मंत्री ने सलाह
कार्यशाला के दौरान मंत्री ने शिक्षकों को सलाह देते हुए कहा शिक्षकों को अपने छात्रों के लिए रोल मॉडल होना चाहिए क्योंकि छात्र अपने शिक्षकों का ही अनुकरण करते हैं। अतः शिक्षकों का अपने छात्रों के साथ आत्मीय लगाव होना चाहिए ताकि वे छात्रों की आवश्यकताओं के अनुरूप उन्हें भविष्य के अच्छे नागरिक के रूप में तैयार कर सकें। माननीय मंत्री जी द्वारा इस बात पर विशेष बल दिया गया कि एक शिक्षक को सदैव सकारात्मक होना चाहिए, क्योंकि एक सकारात्मक सोच वाला शिक्षक ही अपने छात्रों को सही दिशा में मोटिवेट कर सकता है।
राष्ट्र की बेहतरी के लिए शिक्षकों की भूमिका महात्वपूर्ण
मुख्य वक्ता गौरव कृष्ण बंसल ने कहा राष्ट्र के लिए बेहतर नागरिकों के निर्माण में प्राथमिक शिक्षकों की भूमिका निर्णायक होती है। बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारीगण राष्ट्ररूपी भवन के नींव के पत्थर हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि हम कौन सा किरदार निभा रहे हैं, वरन् महत्वपूर्ण यह है कि हम उसे कैसे निभा रहे हैं। जीवन में असफलताओं की चिंता करने के बजाय हम जो मिला है उसी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास करें।
नैतिकता का होना बहुत जरूरी- डॉ अंजना
निदेशक डॉ अजंना गोयल ने प्रदेश भर से आये डायट प्राचार्यों, इकाई अध्यक्षों एवं संकाय सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अपने व्यावसायिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन सुचारू ढंग से करने के लिए व्यक्ति का अभिप्रेरित होना अत्यंत आवश्यक है। अपने पदीय उत्तरदायित्वों के निर्वहन एवं सृजनात्मकता को बनाये रखने के लिए अभिप्रेरित होने के साथ-साथ नैतिकता का होना भी बहुत जरूरी है। उत्तर प्रदेश को निपुण प्रदेश बनाने के लिए तथा विद्यालयों में सकारात्मक वातावरण के निर्माण के लिए शिक्षकों एवं शिक्षक प्रशिक्षकों में अभिप्रेरणा एवं नैतिकता अपरिहार्य है जिसके लिए एससीईआरटी लगातार प्रयासरत है।
एससीईआरटी डॉयट को उत्कृष्ट प्रशिक्षण संस्थान बनाने के लिए संकल्पित- डॉ सचान
कार्यशाला में संयुक्त निदेशक (एसएसए) डॉ पवन सचान ने कहा कि एससीईआरटी की ओर से प्रदेश की डायट्स को उत्कृष्ट कोटि का प्रशिक्षण संस्थान बनाने के लिए दृढ़संकल्पित है। उन्होंने कहा ऑपरेशन कायाकल्प के तहत प्रदेश के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों की आधारभूत संरचनाओं एवं शैक्षणिक गुणवत्ता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। डायट्स तथा विद्यालयों में शिक्षण प्रशिक्षण के अनुकूल माहौल बनाने के लिए शिक्षकों एवं शिक्षक-प्रशिक्षकों का अभिप्रेरित होना अनिवार्य है।
कक्षा 6 से 8 तक गणित की संदर्शिका का विमोचन
इस अवसर पर कक्षा 6, 7, 8 की गणित विषय की शिक्षक संदर्शिका (उपचारात्मक शिक्षण हेतु) रिमीडियल शिक्षण हेतु तथा बच्चों के लिए उपचारात्मक कार्यपुस्तिका 'मेरी प्यारी गणित का विमोचन मंत्री ने किया। साथ ही आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान, प्रयागराज की ओर से विकसित हैंडबुक ऑन इंग्लिशन ग्रामर फॉर टीचर का विमोचन भी किया गया। कक्षा 1 से 8 के शिक्षकों हेतु तैयार की गयी अंग्रेजी ग्रामर की यह पुस्तक शिक्षकों को अंग्रेजी शिक्षण में मदद करेगी।
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