मकोका के तहत 2010 में दर्ज मामले में पांच आरोपी गवाह के अभाव में बरी
ठाणे। महाराष्ट्र के ठाणे की एक अदालत ने डकैती और हमले के आरोप में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत दर्ज मामले में पांच लोगों को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष किसी भी स्वतंत्र गवाह को पेश करने में विफल रहा और केवल पुलिस एवं आरोपियों के इकबालिया बयानों पर भरोसा किया।
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विशेष अदालत के न्यायाधीश अमित एम शेटे ने मंगलवार को पारित आदेश में आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया और निर्देश दिया कि अगर किसी अन्य मामले में जरूरत नहीं हो तो उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। अभियोजन पक्ष के अनुसार यह घटना तीन फरवरी 2010 की रात को हुई थी, जब पीड़ित (एक चालक) दहिसर से सड़क मार्ग से लौट रहा था। वह एक मंदिर के पास रुका और कुछ देर के लिए कार से बाहर निकला।
जब वह कार की ओर वापस आया तो आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की। चालक को धक्का देकर कार में बिठा लिया और कार ले जाने की कोशिश की। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और मकोका की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, "यह उल्लेख करना आवश्यक है कि आरोपियोa के अपराध को स्थापित करने के लिए अभियोजन पक्ष ने जिन 14 गवाहों की जांच की, वे सभी पुलिस अधिकारी हैं। अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के इकबालिया बयान पर भरोसा किया... लेकिन कोई भी स्वतंत्र साक्ष्य पेश करने में विफल रहा।’’
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