भारत के विमानन क्षेत्र में 'काफी क्षमता', हवाई यात्रा में फिर आई तेजी: आर्थिक समीक्षा
नई दिल्ली। संसद में मंगलवार को पेश आर्थिक समीक्षा के अनुसार मध्य वर्ग की बढ़ती मांग, खर्च योग्य अधिक आय और अनुकूल जनसांख्यिकी के कारण देश के विमानन क्षेत्र में विशाल क्षमताएं हैं। समीक्षा में कहा गया कि कोरोना वायरस महामारी से संबंधित प्रतिबंध खत्म होने के बाद हवाई यात्रा में फिर तेजी आई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आर्थिक समीक्षा 2022-23 को संसद में पेश किया।
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इसमें उड़ान योजना सहित उन कारकों के बारे में बताया गया, जो नागर विमानन क्षेत्र की मदद कर रहे हैं। ‘उड़ान’ योजना के तहत देश के दूरदराज के इलाकों में हवाई अड्डों के खुलने से क्षेत्रीय संपर्क काफी बढ़ा है। उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत पर्यटन मार्गों की कुल संख्या बढ़कर 59 हो गई है। इसमें से 51 इस समय चालू हैं। समीक्षा में कहा गया है, मध्य वर्ग की बढ़ती मांग, खर्च करने योग्य अधिक आय, अनुकूल जनसांख्यिकी और विमानन अवसंरचना में वृद्धि के कारण भारत के नागर विमानन क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं।''
उड़ान योजना की शुरुआत से अबतक एक करोड़ से अधिक हवाई यात्रियों ने इसका लाभ उठाया है। वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान उड़ान के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्त पोषण (वीजीएफ) के रूप में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को 104.19 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। बैंक ऋण का जिक्र करते हुए समीक्षा में कहा गया है कि पोत परिवहन और विमानन के लिए ऋण में गिरावट आई है। इसमें कहा गया है, वैश्विक बाजारों में अनिश्चित वृद्धि संभावनाओं और परिवहन क्षेत्र के लिए असमान ऋण आवंटन के कारण नवंबर, 2022 में पोत परिवहन और विमानन क्षेत्र में ऋण क्रमशः 7.9 प्रतिशत और 8.7 प्रतिशत घटा।
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