SC पहुंचा BBC की Documentary पर रोक का मामला तो बोले कानून मंत्री, 'इस तरह वे...',
लोग उच्चतम न्यायालय का कीमती वक्त बर्बाद करते हैं : रीजीजू
नई दिल्ली। विधि मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी के एक वृत्तचित्र पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह वे शीर्ष अदालत के कीमती वक्त को ‘‘बर्बाद’’ करते हैं।
रिजिजू ने वरिष्ठ पत्रकार एन राम, वकील प्रशांत भूषण और अन्य द्वारा वृत्तचित्र ‘‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चशन’’ पर पाबंदी लगाने के केंद्र के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर ट्विटर पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह वे माननीय उच्चतम न्यायालय का कीमती वक्त बर्बाद करते हैं, जहां हजारों आम नागरिक न्याय का इंतजार कर रहे हैं और तारीखें मांग रहे हैं।’’
This is how they waste the precious time of Hon'ble Supreme Court where thousands of common citizens are waiting and seeking dates for Justice. https://t.co/5kouG8Px2K
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) January 30, 2023
रिजिजू ने रात में याचिकाकर्ताओं को निशाना बनाने के लिए फिर से ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने ट्वीट किया, "झूठा प्रचार कब तक चल सकता है? इस मामले को भारत की सर्वोच्च अदालत ने सुलझा लिया है और इसे दरकिनार कर दिया है।"
उन्होंने लिखा, "इस तरह के लोगों का मकसद क्या है? उनका उद्देश्य क्या है? क्या भारत का सर्वोच्च न्यायालय सर्वोच्च है या बीबीसी? भारत इस औपनिवेशिक मानसिकता से बहुत आगे निकल चुका है।" प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने वकील एम एल शर्मा और एन राम तथा भूषण की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सी यू सिंह की दलीलों पर गौर किया। दोनों वकीलों ने इस मुद्दे पर अपनी अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 21 जनवरी को ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरेपोरेशन (बीबीसी) के विवादास्पद वृत्तचित्र ‘‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’’ के लिंक साझा करने वाले कई यू ट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे।
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