Uttarakhand: पहाड़ से मैदान तक बढ़ेगी ठिठुरन, 48 घंटों में तीन जिलों में बर्फबारी की संभावना

Amrit Vichar Network
Published By Shobhit Singh
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अमृत विचार।  उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया है। जहां एक ओर चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ में अगले 48 घंटों में कहीं-कहीं बारिश के साथ ही बर्फबारी की संभावना है। वहीं दूसरी ओर मैदान से लेकर पहाड़ तक ठंड भी बढ़ सकती है।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक मुक्तेश्वर में न्यूनतम पारा एक डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, पंतनगर में न्यूनतम पारा दो डिग्री पर पहुंच गया। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट के चलते मैदान से लेकर पहाड़ तक जबरदस्त ठंड पड़ रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने की संभावना है। पर्वतीय इलाकों में बारिश और बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों में भी दिखाई देगा।

उन्होंने बताया कि टिहरी में अधिकतम तापमान 12.9 डिग्री और न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, राजधानी दून में अधिकतम तापमान 20 डिग्री और न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री दर्ज किया गया। जिसके चलते बुधवार को लोगों को दिनभर ठंडक का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि 23 से 26 जनवरी तक मैदान से लेकर पहाड़ तक तेज गर्जना के साथ जोरदार बारिश देखने को मिल सकती है।
बढ़ती ठंड के साथ कोल्ड डायरिया का हमला
बढ़ती ठंड में सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, अस्थमा और वायरल बुखार के साथ कोल्ड डायरिया ने भी हमला बोल दिया है। दून अस्पताल, कोरोनेशन, गांधी शताब्दी के साथ निजी अस्पतालों में काफी संख्या में कोल्ड डायरिया से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं।

चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक कोल्ड डायरिया से पीड़ित मरीजों में बच्चों की संख्या ज्यादा है। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर एवं बालरोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि आजकल बेहद छोटी उम्र के बच्चों में कोल्ड डायरिया ज्यादा देखने को मिल रहा है। दूसरी ओर कोरोनेशन अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एनएस बिष्ट ने बताया कि ओपीडी में तमाम ऐसे मरीज आ रहे हैं जो कोल्ड डायरिया से पीड़ित हैं।

कोल्ड डायरिया होने की वजह से मरीजों में गंभीर कमजोरी के साथ ही उन्हें चलने में भी दिक्कत हो रही है। उन्होंने बताया कि कोल्ड डायरिया होने पर शरीर में बहुत अधिक निर्जलीकरण होने की वजह से कई बार गंभीर दिक्कत खड़ी हो जाती है। संक्रमण बहुत अधिक होने के चलते कई मरीजों को मल के साथ खून भी निकल रहा है। ऐसे में कई मरीजों को अस्पताल में भी भर्ती करना पड़ा है।

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