आगरा अपहरण कांड : जीजा और साले को उठाने पर आरपीएफ कर्मियों पर हो सकती है कार्रवाई 

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Published By Virendra Pandey
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अमृत विचार, आगरा । आगरा के बहुचर्चित जीजा और साला अपहरण कांड में कई आरपीएफ कर्मियों पर संदेह जताया जा रहा है। इन कर्मियों पर कार्रवाई भी हो सकती है। बताया जा रहा है कि करीब आधा दर्जन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दे दी गई है। जिसके बाद आरपीएफ विभाग में हड़कंप मच गया है। 

दरअसल, मलपुरा थाना क्षेत्र स्थित अभयपुरा निवासी कासिम और इकरार को बीते 13 दिसंबर की रात को पुलिस की वर्दी में पहुंचे पांच लोग अपने साथ लेकर चले गये। बोलेरो गाड़ी से आये इन लोगों ने मारपीट कर कासिम और इकरार को जबरन गाड़ी में डाल दिया और चले गये। कासिम और इकरार के बीच साला और जीजा का संबंध बताया जा रहा है। बाद में बताया जा रहा है कि इन्हीं लोगों ने फोन कर चार लाख रूपये की मांग कर डाली। 

यह फोन वाट्सअप के जरिये किया गया था,लेकिन परिवार के लोगा उस दौरान महज 12 हजार रूपये की ही व्यवस्था कर सके और बोलेरो सवार लोगों के बताये हुये पते पर पहुंचे। कैंट पुल के नीचे पहुंचे बोलेरो सवार लोगों ने जब महज 12 हजार रूपये देखे तो वह भड़क उठे। इतना ही नहीं जल्द से जल्द 2 लाख रूपये लाकर देने की धमकी दी। इस दौरान पीड़ित परिवार की तरफ से स्थानीय पुलिस को सूचना दे दी गई थी। स्थानीय पुलिस ने इस दौरान अधिकारियों को पूरे मामले की जानकरी दी। अधिकारियों से निर्देश मिलते ही पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी। आरोपितों ने पीड़ित परिवार के लोगों को दोबारा फोन कर दो लाख रूपये लेकर  शमसाबाद रोड स्थित एक निजी होटल के पास आने को कहा। इस बीच पुलिस भी सक्रिया थी। जैसे ही आरोपित पैसे लेने के लिए पहुंचे। पुलिस ने आरोपितों को धर दबोचा।

पुलिस की गिरफ्त में आये रेलवे सुरक्षा बल के कर्मी

जिन लोगों को पुलिस ने दबोचा,उनमें आरपीएफ के जवान शामिल थे। एनसीआर के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय के मुताबिक अपहरण की घटना में रेलवे सुरक्षा बल के जवान शामिल हैं। इनमें आगरा कैंट में तैनात एक उपनिरीक्षक तथा दो अन्य कर्मियों के शामिल होने की बात सामने आई है। इस मामले में तीनों कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं आरपीएफ आगरा कैंट के इंस्पेक्टर सुरेंद्र चौधरी को भी निलंबित किया गया है। उन्हें सुपर विजन की कमी के लिए यह कार्रवाई झेलनी पड़ी है। 

पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि युवकों के अपहरण के मामले आठ लोग जांच टीम के निशाने पर हैं। सभी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सभी आरोपी आरपीएफ से जुड़े हुए हैं। आठ लोगों में से छह लोगों को मेजर चार्जशीट दी गई है। साथ ही दो को माइनर चार्जशीट में रखा गया है। मेजर चार्जसीट के अंतर्गत आरोपी को नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता है। सैलरी रोकने का भी प्रावधान होता है। 

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