Kanpur: गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली बोले- इंडिया बहुत एडवांस्ड, HAL में विमानों की तकनीक और क्षमता को देखा

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Published By Kanpur Digital
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Kanpur News कानपुर के एचएएल में गुयाना के राष्ट्रपति ने विमानों की तकनीक को समझा।

Kanpur News कानपुर के एचएएल में गुयाना के राष्ट्रपति ने विमानों की तकनीक और क्षमता को देखकर प्रभावति हुए। उन्होंने कहा कि इंडिया बहुत एडवांस्ड। करीब तीन घंटे रुके और प्रजेंटेशन के साथ ही फैक्ट्री भी देखी।

कानपुर, अमृत विचार। गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली को हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की टेक्नोलॉजी और काम करने का जज्बा इतना भाया कि वह खुद को यह कहने से नहीं रोक सके कि इंडिया बहुत एंडवास्ड है। उनके इन शब्दों से एचएएल अफसरों में भी उत्साह बढ़ गया। उन्होंने कानपुर के बारे में भी पूछा और भारतीय संस्कृति की प्रशंसा की। 

दक्षिण अफ्रीकी के एक देश के राष्ट्रपति डॉ. अली आठ जनवरी से भारत के दौरे पर हैं। इंदौर के भारतीय प्रवासी सम्मेलन में शामिल हो चुके भारतीय मूल के डॉ. अली देश की संस्कृति को करीब से देखने में रुचि रखते हैं और भारत की हर छोटी से बड़ी उपलब्धि को जानने में खूब दिलचस्पी दिखाते हैं। उनका यह अंदाज कानपुर में भी नजर आया। आगरा ताजमहल के दीदार होने के बाद शुक्रवार को वह कानपुर पहुंचे।

दोपहर करीब डेढ़ बजे एचएएल पहुंचने पर सीएमडी सीबी अनंत कृष्णन व जीएम अजय श्रीवास्तव ने उनका स्वागत किया। उसके बाद प्रजेंटेंशन में उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने एचएएल द्वारा निर्मित डोर्नियर, सिविल एयरक्राफ्ट, चीतल हेलीकाप्टर आदि कई विमानों की तकनीक और क्षमता की प्रस्तुति दी गई।

उन्होंने एचएएल की तकनीकों को खूब सराहा। उन्होंने एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के साथ बातचीत की। कई विकास कार्यों को लेकर विचार विमर्श किया। डॉ. अली ने कहा कि भारत तकनीकि क्षेत्र में एंडवास्ड है और उसकी क्षमता काफी मजबूत हैं।

वह भारतीय संस्कृति की प्रशंसा करने से भी खुद को नहीं रोक पाए। बोले, इस देश में आओ तो फिर चाहे प्रोफेशनल जगह हो या फिर पर्यटन क्षेत्र या कोई और, यहां की संस्कृति हमेशा प्रभावित करती है और व्यक्ति में अपनापन घोल देती है। उन्होंने एचएएल की फैक्ट्री की विजिट भी की।

राष्ट्रपति डॉ. इरफान करीब तीन घंटे एचएएल में रहे और इस दौरान उन्होंने कानपुर के बारे में भी पूछा। गंगा नदी के किनारे बसी औद्योगिक नगरी के सौहार्द्र पर भी उन्होंने प्रशंसा की और फिर यहां से वे बेंगलुरु के लिए प्रस्थान कर गए।

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