पीलीभीत: बिना नोटिस सेवा समाप्त करने पर भड़के रोडवेज कर्मचारी, किया प्रदर्शन
पीलीभीत, अमृत विचार। दिल्ली रूट पर गजरौला में पीलीभीत डिपो की बस से सड़क हादसा होने के बाद संविदा चालक और बाबू की सेवा समाप्त कर दी गई है। कर्मचारियों को बिना नोटिस दिए सेवा समाप्त करने पर कर्मचारी यूनियन में रोष है। उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ की ओर से गुरुवार को डिपो पर धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान कर्मचारियों ने रोडवेज अफसरों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यूनियन की मांग है कि दोनों कर्मचारियों को ड्यूटी दोबारा से ज्वाइन कराएं।
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शनिवार को पीलीभीत डिपो से एक बस रात को दिल्ली जाने के लिए निकली थी। देर रात दिल्ली से पहले गजरौला के पास कोहरे में बस टकरा गई। हादसे में एक युवक की मौके पर मौत हो गई। कोहरे में बस चलने पर अमरोहा के एआरएम की रिपोर्ट के आधार पर आरएम दीपक चौधरी ने एआरएम विजय गंगवार को बस चालक खेमकरन लाल और परिचालक अनिल कुमार की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए। इस पर एआरएम ने दोनों की सेवा समाप्त करने के साथ ही टाइम कीपर देव सरन यादव को संस्पेड कर दिया। बिना नोटिस दिए संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने पर यूनियन के पदाधिकारी भड़क उठे।
गुरुवार को एआरएम कार्यालय के बाहर उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष राजकुमार श्रीवास्तव और शाखा मंत्री साधू राम दिवाकर के निर्देश पर कर्मचारियों ने कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए जमकर हंगामा किया। कर्मचारियों ने अफसरों की मनमानी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
पदाधिकारियों ने बताया कि कोहरे के चलते शासन ने 20 दिसंबर को आठ बजे के बाद बसों का संचालन पर रोक लगा दी थी। लेकिन इसके बाद भी डिपो के अफसर संविदा चालकों से बसों का संचालन कर रहे हैं। अब हादसा हो गया तो मनमाने तरीके से आदेश अमल में लाकर दोनों की सेवा समाप्त कर दी। जोकि नियम विरूद्ध है। यूनियन इसको बर्दाश्त नहीं करेंगी।
अगर, कोहरे में टाइम ऑफिस से बस का संचालन करने के लिए पर्ची नहीं बनती तो शायदा हादसा नहीं होता। इतना ही नहीं कंट्रोल भी स्थापित किए गए हैं। मगर उनकी ओर से भी बस को नहीं रोका गया। जिलाध्यक्ष राजकुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अगर दोनों कर्मचारियों की सेवा बहाल नहीं की गई तो यूनियन प्रदर्शन करने को बाध्य होगा। इसको लेकर यूनियन की ओर से एआरएम को पत्र दिया गया है।
प्रदर्शन करने वालों में राजीव पांडे, राजेश गौड़, योगेंद्र पाल, मुनीश कुमार, स्वदेश कुमार, मुनेंद्र कुमार, सुरेंद्र कुमार, हरीश गंगवार, प्रमेंद्र कुमार, अरविंद कुमार, मदनलाल, साबेक सिंह, अमरपाल, अनुज, अनुरूद्ध, दिनेश, धर्मेद्र, गौरव, हरीराम, रामपाल, कपिल, लाखन, नंद किशोर आदि मौजूद रहे।
बिना नोटिस दिए संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का कोई प्रावधान नहीं है। अगर, दोनों कर्मचारियों की बहाली नहीं हुई तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। मनमाने तरीके से संविदा कर्मचारियों को निकाला जाना पूर्णतया गलत है। - साधूराम दिवाकर, शाखा मंत्री, रोडवेज कर्मचारी संघ।
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