लखनऊ : धीमी ही सही, कसने लगा पूर्व मंत्री पर भी शिकंजा
नोटिस के बाद भी एसटीएफ के पास जाने से बच रहे हैं सैनी
लखनऊ। आयुष कालेजों के दाखिले में हुए घोटाले की जांच में धीमे से ही सही, पूर्व मंत्री घर्म सिंह सैनी पर अब शिकंजा कसा जाने लगा है। इसके चलते नोटिस के बाद भी पूछताछ के लिए एसटीएफ के पास जाने से बच रहे हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह भाजपा में अपने पुराने व बड़े संपर्क सूत्रों के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। बता दें कि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए काफी पहले ही सिफारिश की दी थी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इसमें जांच एजेंसी ने दिलचस्पी नहीं दिखायी।
कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक पर भष्टाचार के आरोप की जांच में काफी तेजी दिखाने वाली एसटीएफ, आयुष कालेजों के दाखिले में घोटाले की जांच में धीमी चाल चल रही है। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक पूर्व मंत्री सैनी को पूछताछ के लिए पहली बार 24 दिसंबर को नोटिस जारी किया था। इसके तहत उन्हें 5 जनवरी को एसटीएफ के सामने आना था, लेकिन वह नहीं आये।
गिरफ्तारी से बचने को पूर्व मंत्री लगा रहे जुगत
पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी भाजपा की पिछली सरकार में आयुष मंत्री थे। विधान सभा चुनाव के दौरान वह भाजपा छोड़कर सपा में शामिल होकर चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे। आयुष कालेजों के दाखिले में घोटाला उन्हीं के कार्यकाल में हुआ था। इस मामले की जांच कर रही एसटीएफ की शुरूआती तफ्तीश के दौरान घोटाले में उनकी भूमिका सामने आ रही है।
इसी बाबत एसटीएफ उनसे पूछताछ करना चाहती है, लेकिन यह घोटाला भाजपा की सरकार में हुआ है, इसलिए एसटीएफ बहुत सख्ती नहीं दिखा रही है। इस बीच पूर्व मंत्री गिरफ्तारी से बचने के लिए फिर भाजपा में शामिल होने की जुगत लगा रहे हैं। खतौली विधान सभा के चुनाव के दौरान उन्होनें इस बाबत पूरी तैयारी कर ली थी, स्थानीय नेताओं के विरोध के बाद कामयाब नहीं हो पाए थे। भाजपा सूत्रों के अनुसार कुछ दिन पहले सैनी ने एक केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की थी। मंगलवार को वह फिर दिल्ली में एक केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की कोशिश में जुटे रहे।
क्या है घोटाला
एक शिकायत के बाद हुई विभागीय जांच में पता चला कि नीट (चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिए परीक्षा) परीक्षा में कट-आफ अंक प्राप्त किए बगैर उप्र के आयुष कालेजों में बड़ी संख्या में दाखिले हुए। बाद में शासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए व्यापक जांच कराने का फैसला किया। जांच एसटीएफ को सौंपी गई। इस जांच में यह पता चला कि 891 छात्रों ने नीट परीक्षा में कट-आफ अंक प्राप्त किए बगैर आयुष कालेजों में दाखिला पा लिया। इसमें 22 छात्र ऐसे मिले, जिन्होंने परीक्षा दिया ही नहीं और प्रवेश हो गया।
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