अयोध्या: जिन स्कूलों में खिड़की व दरवाजे ही नहीं वहां ठंड से कैसे बचेंगे बच्चे
जिलाधिकारी के फरमान ने विद्यालय संचालकों को मुसीबत में डाला

अमृत विचार, अयोध्या। जनपद में दर्जनों ऐसे माध्यमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जहां न तो अध्ययन कक्षों में दरवाजे हैं और न ही खिड़कियां। कोई विद्यालय खपरैल में चलता है और कोई छप्पर में। ऐसे विद्यालयों में इस शीत लहर और कड़ाके की ठंड में तापमान सामान्य भला कैसे रह सकता है। लेकिन विद्यालय संचालकों को बच्चों को ठंड से बचाने के लिए अब कक्षा का तापमान सामान्य रखना होगा। इसलिए कि यह आदेश जिलाधिकारी ने दिया है कि सभी विद्यालयों के कमरों का तापमान सामान्य रखने की व्यवस्था की जाए। यह प्रबंधतंत्र की जिम्मेदारी है। फिलहाल जिलाधिकारी के फरमान ने विद्यालय संचालकों को मुसीबत में डाल दिया है।
वैसे तो जिले के अशासकीय सहायता प्राप्त दर्जनों ऐसे विद्यालय संचालित हो रहे हैं जहां बच्चों के अध्ययन कक्षों में चारों तरफ से सर्द हवाएं आती हैं। यहां न तो खिड़की लगी है और न ही दरवाजे हैं। इनमें ड्योढ़ी स्थित श्रीराम वल्लभा भगवंत विद्यापीठ इंटर, आरडी इंटर कालेज सुचित्तागंज, पाराशर इंटर कॉलेज पौसरा, सतनामी इंटर कॉलेज शुक्लापुर रुदौली व राम चरन इंटर कॉलेज घटौली तो एक मिसाल है। इन कॉलेजों में न खिड़की हैं न दरवाजे। अगर लाइट है तो बिल जमा करने की कोई निधि नहीं।
ऐसी स्थिति में जिलाधिकारी की ओर से विद्यालय प्रबंध तंत्र को सौंपी गयी जिम्मेदारी को लेकर विद्यालय संचालकों के हाथ पांव फूल गये हैं। हालांकि फिलहाल 15 जनवरी तक कक्षा एक से 12 तक के विद्यालय बंद रहेंगे। लेकिन 15 जनवरी के बाद भी ठंड कम होगी, इसके आसार नहीं हैं। वहीं 21 जनवरी से यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी। इस दौरान विद्यालय आने वाले बच्चों को खुले हुए कमरों में पढ़ना मुसीबत से कम नहीं होगा।
प्रबंधतंत्र की परेशानी, रूम हीटर खरीदने के लिए फंड नहीं
प्रबंधतंत्र इस बात को लेकर परेशान है कि ठंड में तापमान को सामान्य बनाये रखने के लिए रूम हीटर लगाना होगा। यह व्यवस्था किस फंड और मद से की जाएगी। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के जिला मंत्री आलोक तिवारी का कहना है कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए डीएम के आदेश का अनुपालन कर पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि जिला प्रशासन कमरो में तापमान सामान्य रखने की बात करता है तो जिलाधिकारी को हीटर आदि क्रय करने के लिए बॉयज फंड के उपयोग की अनुमति देनी चाहिये।
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